विश्व महिला दिवस पर शिक्षिकाओं का सम्मान किया
नई दिल्ली। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के शुभ अवसर पर राजकीय वरिष्ठ मा. विद्यालय, शाहबाद डेरी दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में विद्यालय प्रमुख राजा राम शरण गुप्ता ने अपने विद्यालय की महिला शिक्षिकाओं को सम्मानित किया। इस अवसर पर सभी शिक्षिकाओं को एक लेखनी, तिरंगा पटका एवं उत्तरीय भेंट स्वरूप दिया गया। प्रधानाचार्य ने प्रसिद्ध पंक्तियों का उल्लेख किया ‘यत्र नार्यन्ते पूजन्ते, रमन्ते तत्र देवता’ अर्थात जहां नारी की पूजा, सम्मान, वन्दन होता है वहां पर देवता विचरण करते हैं।
कार्यक्रम के संयोजक देवीदत्त सजल एन.एस.एस. कार्यक्रम अधिकारी ने जय शंकर प्रसाद की प्रसिद्ध कविता :-
नारी तुम केवल श्रद्धा हो
विश्वसास रजत नभ पग तल में।
पीयूष स्रोत सी बहा करे
जीवन के सुंदर समतल में।
का उल्लेख करते हुए सभी शिक्षिकों को विश्व महिला दिवस की शुभकामनाएं प्रेषित की। इस अवसर पर शिक्षिकाओं करुणा, राजबाला, वन्दना रोहिल्ला, गीता मीणा, सोनिया, गीता, सोनिया, वन्दना, सीमा रानी, मोनिका, सीमा, हिमांशी, दीप शिखा, पूजा तोमर, पूजा, सरोज, रीतू, रीना, अर्चना, अहिल्या, सरिता आदि को सम्मानित किया गया।
राष्ट्रीय कवि सारस्वत मोहन मनीषी की कविता-
नारी है नारायणी बल विक्रम की खान।
सदा इसी की गोद में पले भूप विद्वान।।
पले भूप विद्वान वेद की रिचा सुहानी।
अंतरिक्ष में लहर रही है चूनर धानी।।
कहे मनीषी नित्य कर रही सिंह सवारी।
आंसू, करुणा, आग, शांति, ध्वजवाहक नारी।।
के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया।