55 नए ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर बेड का उद्घाटन किया
नई दिल्ली। भाजपा सांसद प्रवेश साहिब सिंह ने अपने संसदीय क्षेत्र पश्चिमी दिल्ली के तीन स्थानों पर 55 नए ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर बेड लोगों की सेवा में उपलब्ध किया है। दिल्ली में ऑक्सीजन बेड की कमी और केजरीवाल सरकार के स्वास्थ्य विभाग को पूरी तरह फेल होता देख प्रवेश साहिब सिंह ने यह सराहनीय कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि मेरे पिता डॉ. साहिब सिंह वर्मा द्वारा स्थापित समाजिक संस्था राष्ट्रीय स्वाभिमान् व सेवा भारती (दिल्ली) के सहयोग से 3 स्थानों पर 55 नए ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर के साथ बेड उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इसके अलावा अगले 10 दिनों में और भी केंद्र खोले जाएंगे जहां बेडों की इस संख्या को 300 के पार पहुँचाने का लक्ष्य है।
प्रवेश साहिब सिंह ने आज पश्चिमी दिल्ली के तीन अलग-अलग स्थानों पर केंद्रों का उद्घाटन करते हुए कहा कि आज जिस तरह से दिल्ली के लोग ऑक्सीजन और बेड के लिए दर-दर भटक रहे हैं और अपनों की जान की गुहार लगा रहे हैं, वो सब केजरीवाल की लापरवाही और प्रचार के दम पर चल रही सरकार की देन है। पिछले 14 महीनों में ना तो केजरीवाल सरकार एक भी ऑक्सीजन प्लांट तैयार करने की जहमत उठाई और ना ही स्वास्थ्य सेवा में किसी प्रकार की सुधार की। दिल्ली की स्वास्थ्य व्यवस्था को भगवान भरोसे और मरीजों को उनके हाल पर छोड़ केजरीवाल सिर्फ अपनी नाकामी को केंद्र सरकार का मुखौटा पहनाते गए। उन्होंने कहा कि आज दक्षिणी दिल्ली नगर निगम, प्राइमरी विद्यालय, ककरौला, समर्थ शिक्षा समिति परिसर, हरी नगर और एमसीडी अस्पताल, तिलक नगर में 55 नए ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर बेड का स्वयं उद्घाटन किया।
प्रवेश साहिब सिंह ने कहा कि जनता की सेवा में भाजपा हमेशा तैयार रहती है और इस मुश्किल घड़ी में जब एक-दूसरे का साथ जरूरी है, तो भाजपा कार्यकर्ता निष्ठा भाव से जनता की सेवा में लगे हुए हैं, लेकिन अफसोस होता है जब सत्ता में बैठी केजरीवाल सरकार लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने के बदले अपने नोडल ऑफिसर की धमकियों से डरा रही है। आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया खुलेआम अस्पतालों को ऑक्सीजन की कमी होने के बाद शिकायत करने पर कार्रवाई की बात करते हैं। नोडल ऑफिसर को जनता और मरीजों की सेवा के लिए रखा गया है मगर ये आप के मंत्रियों को वीआईपी सेवा देने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आगर केजरीवाल सरकार लोगों की जान और स्वास्थ्य विभाग को लेकर गंभीर होती तो मेरे द्वारा ऐलान किये गए एक करोड़ रुपयों को तुरंत मंजूर कर कार्य शुरू करने की अनुमति देती, लेकिन सरकार तो फिलहाल खुद के प्रचार और नाम कमाने में लगी हुई है उसे लोगों और मरीजों से कोई हमदर्दी नहीं है।