संजय गांधी मेमोरियल और डा. अंबेडकर अस्पताल का दौरा किया
नई दिल्ली। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने आज संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल और रोहिणी स्थित डाॅ. अंबेडकर अस्पताल का दौरा कर निर्माणाधीन नई बिल्डिंग का निरीक्षण किया। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल में एक नई बिल्डिंग बना रही है, जिससे यहां बेड क्षमता 300 से बढ़कर 662 हो जाएगी। इसी तरह, रोहिणी स्थित बाबा साहेब डाॅ. अंबेडकर अस्पताल में मदर एंड चाइल्ड केयर को समर्पित 463 बेड क्षमता का एक नया ब्लाॅक भी बनाया जा रहा है। इससे दिल्ली के बुनियादी स्वास्थ्य ढांचे को और मजबूती मिलेगी।
स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने सोमवार को संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल का दौरा किया, जहां अस्पताल की नई बिल्डिंग का निर्माण कार्य चल रहा है। यह अस्पताल अत्याधुनिक तकनीकों से लैस होगा, जो दिल्ली की स्वास्थ्य प्रणाली में 362 नए बेड जोड़ेगा। सत्येंद्र जैन ने ट्वीट कर कहा, ‘‘दिल्ली सरकार अत्याधुनिक तकनीक के साथ अपनी स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को एक नया रूप दे रही है। इस श्रृंखला में, दिल्ली सरकार द्वारा संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल में एक नई बिल्डिंग बनाई जा रही है। इससे दिल्ली की स्वास्थ्य प्रणाली में 350 से अधिक बेड जुड़ जाएंगे। निर्माण कार्य पूरा होने के बाद संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल की मौजूदा बेड क्षमता 300 से बढ़कर 662 हो जाएगी।’’
इसके बाद, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने रोहिणी स्थित बाबा साहेब डाॅ. अंबेडकर अस्पताल का दौरा किया। दिल्ली सरकार यहां भी अस्पताल को नया आकार दे रही है। इसके लिए, दिल्ली सरकार द्वारा यहां मदर एंड चाइल्ड केयर को समर्पित 463 बेड का एक नया ब्लॉक बनाया जा रहा है। श्री जैन ने बताया कि बाबा साहब डाॅ. अंबेडकर अस्पताल में दिल्ली सरकार द्वारा मदर एंड चाइल्ड केयर के लिए एक नया भवन बनाया जा रहा है। इससे इस अस्पताल की मौजूदा बेड क्षमता 500 से बढ़कर 963 हो जाएगी।
देश की राष्ट्रीय राजधानी में एक बेहतर बुनियादी स्वास्थ्य ढांचे को विकसित करने के उद्देश्य से सीएम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार, दिल्ली के अस्पतालों को एक नई शक्ल दे रही है। इसके तहत, दिल्ली में नए अस्पतालों के निर्माण और मौजूदा अस्पतालों में बेड क्षमता बढ़ाई जा रही है। दिल्ली सरकार का प्रयास है कि अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ दिल्ली के बुनियादी स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत किया जाए, ताकि वह न केवल वर्तमान समय में, बल्कि कई दशकों तक दिल्ली के लोगों की सेवा कर सके।