राघव चड्ढा ने पानी टैंकर निगरानी और शिकायत निवारण नियंत्रण कक्ष का औचक निरीक्षण किया
नई दिल्ली। दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष और राजेंद्र नगर विधायक श्री राघव चड्ढा ने आज दिल्ली जल बोर्ड मुख्यालय में ऑनलाइन टैंकर प्रबंधन प्रणाली और शिकायत निवारण हेल्पलाइन नियंत्रण कक्ष का औचक निरीक्षण किया। श्री राघव चड्ढा ने अधिकारियों से कहा कि वे अपने काम को जिम्मेदारी के साथ पूरा करें और सुनिश्चित करें कि लोगों को कोई दिक्कत ना हो। हरियाणा की तरफ से छोड़ा गया 16 हजार क्यूसेक पानी दिल्ली पहुंचने के बाद ही पानी की आपूर्ति सामान्य होगी।
उन्होंने अधिकारियों को व्यवस्था को दुरुस्त करने और शिकायतकर्ताओं को फोन कर शिकायतों की जमीनी सच्चाई जांचने के निर्देश दिए हैं। डीजेबी के उपाध्यक्ष ने नियंत्रण कक्ष में मौजूद अधिकारियों को पानी के टैंकरों की समय पर आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। इसके अलावा दिल्ली जल बोर्ड के टैंकर प्रबंधन और शिकायत निवारण प्रणाली की जांच की। डीजेबी के इंतजामों को जांचने और समस्याओं को समझने के लिए राघव चड्ढा ने शिकायतकर्ताओं को फोन किया। अधिकारियों को सिस्टम में सभी प्रकार की कमियों को दूर करने के निर्देश दिए हैं।
राघव चड्ढा ने डीजेबी के इंतजामों का जायजा लिया। कंट्रोल रूम ऑपरेटरों से समझा कि हरियाणा द्वारा दिल्ली के हिस्से का पानी रोकने के बाद किस तरह से पानी के टैंकर की मांग बढ़ गई थी।
उन्होंने दिल्ली जल बोर्ड के जीपीएस आधारित लाइव टैंकर ट्रैकिंग सिस्टम का भी निरीभण किया। अधिकारियों ने डीजेबी के उपाध्यक्ष को बताया कि शिकायत दर्ज होने के 40 से 45 मिनट बाद टैंकर शिकायतकर्ता के पास पहुंच जाता है।
राघव चड्ढा ने कहा कि यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि पानी के टैंकरों की डिलीवरी कम से कम समय में लोगों तक हो जाए। इस संबंध में कोई भी कॉल या मैसेज नहीं छूटना चाहिए। इस प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिए टीमों को जमीनी स्तर पर किए जा रहे कार्यों की पुन:जांच करनी होगी। अधिकारी शिकायतकर्ताओं को फोन करें और टैंकर डिलीवरी के बारे में सही फीडबैक लें। इसके अलावा सुनिश्चित करें कि लोग इस सुविधा से पूरी तरह संतुष्ट हैं। अगर लोग डिलीवरी में कोई समस्या बताते हैं तो उसका समाधान होना चाहिए।
राघव चड्ढा ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस समय सख्त व्यवहार न करें और कठिन समय में समस्याओं के प्रति सहानुभूति रखें। इसके बाद उन्होंने गुमनाम रूप से एक शिकायतकर्ता को दिल्ली जल बोर्ड का कर्मचारी बनकर कॉल किया। इसके जरिए उनके हालात को समझा और जल्द समस्या के समाधान का भरोसा दिलाया।
दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष ने कहा कि जल संकट अब कुछ दिनों में दूर हो जाना चाहिए, क्योंकि हरियाणा ने दिल्ली की ओर हथिनी कुंड से पानी छोड़ दिया है।
दिल्ली जल बोर्ड को दिल्ली की जलापूर्ति को बहाल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करनी पड़ी थी। जिसके बाद हरियाणा ने राष्ट्रीय राजधानी की ओर 16,000 क्यूसेक पानी छोड़ा हैं।
राघव चड्ढा ने नियंत्रण कक्ष के निरीक्षण के संबंध में ट्विटर पर पोस्ट की। उन्होंने ट्वीट किया कि दिल्ली जल बोर्ड की ऑनलाइन टैंकर प्रबंधन प्रणाली और डीजेबी शिकायत निवारण हेल्पलाइन का निरीक्षण किया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इस महत्वपूर्ण समय में कोई भी शिकायत छूटे ना। विशेषकर जब तक हरियाणा से छोड़ा गया 16 हजार क्यूसेक पानी दिल्ली तक नहीं पहुंच जाता है और पानी की सामान्य आपूर्ति बहाल नहीं हो जाती है।
https://twitter.com/raghav_ chadha/status/ 1415252839752818693
दिल्ली जल बोर्ड नए जल टैंकर वितरण प्रबंधन प्रणाली (डब्ल्यूटीडीएमएस) के माध्यम से पानी के टैंकरों की निगरानी कर रहा है। डब्ल्यूटीडीएमएस जीपीएस आधारित ट्रैकिंग के जरिए रीयल टाइम अपडेट देता है। डब्ल्यूटीडीएमएस एप्लिकेशन हर 10 सेकंड में टैंकर की आवाजाही को ट्रैक करता है। टैंकरों द्वारा फिलिंग पॉइंट लोकेशन और डिलीवरी पॉइंट के बीच की जाने वाली प्रत्येक ट्रिप की एमआईएस रिपोर्ट प्राप्त करता है। डब्ल्यूटीडीएमएस एक क्लिक पर टैंकरों की ट्रिप और काम के प्रदर्शन की जानकारी तारीख के हिसाब से उपलब्ध कराता है। इससे दिल्ली में पानी के टैंकर सिस्टम में काफी सुधार हुआ है।
राघव चड्ढा ने डीजेबी के इंतजामों का जायजा लिया। कंट्रोल रूम ऑपरेटरों से समझा कि हरियाणा द्वारा दिल्ली के हिस्से का पानी रोकने के बाद किस तरह से पानी के टैंकर की मांग बढ़ गई थी।
उन्होंने दिल्ली जल बोर्ड के जीपीएस आधारित लाइव टैंकर ट्रैकिंग सिस्टम का भी निरीभण किया। अधिकारियों ने डीजेबी के उपाध्यक्ष को बताया कि शिकायत दर्ज होने के 40 से 45 मिनट बाद टैंकर शिकायतकर्ता के पास पहुंच जाता है।
राघव चड्ढा ने कहा कि यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि पानी के टैंकरों की डिलीवरी कम से कम समय में लोगों तक हो जाए। इस संबंध में कोई भी कॉल या मैसेज नहीं छूटना चाहिए। इस प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिए टीमों को जमीनी स्तर पर किए जा रहे कार्यों की पुन:जांच करनी होगी। अधिकारी शिकायतकर्ताओं को फोन करें और टैंकर डिलीवरी के बारे में सही फीडबैक लें। इसके अलावा सुनिश्चित करें कि लोग इस सुविधा से पूरी तरह संतुष्ट हैं। अगर लोग डिलीवरी में कोई समस्या बताते हैं तो उसका समाधान होना चाहिए।
राघव चड्ढा ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस समय सख्त व्यवहार न करें और कठिन समय में समस्याओं के प्रति सहानुभूति रखें। इसके बाद उन्होंने गुमनाम रूप से एक शिकायतकर्ता को दिल्ली जल बोर्ड का कर्मचारी बनकर कॉल किया। इसके जरिए उनके हालात को समझा और जल्द समस्या के समाधान का भरोसा दिलाया।
दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष ने कहा कि जल संकट अब कुछ दिनों में दूर हो जाना चाहिए, क्योंकि हरियाणा ने दिल्ली की ओर हथिनी कुंड से पानी छोड़ दिया है।
दिल्ली जल बोर्ड को दिल्ली की जलापूर्ति को बहाल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करनी पड़ी थी। जिसके बाद हरियाणा ने राष्ट्रीय राजधानी की ओर 16,000 क्यूसेक पानी छोड़ा हैं।
राघव चड्ढा ने नियंत्रण कक्ष के निरीक्षण के संबंध में ट्विटर पर पोस्ट की। उन्होंने ट्वीट किया कि दिल्ली जल बोर्ड की ऑनलाइन टैंकर प्रबंधन प्रणाली और डीजेबी शिकायत निवारण हेल्पलाइन का निरीक्षण किया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इस महत्वपूर्ण समय में कोई भी शिकायत छूटे ना। विशेषकर जब तक हरियाणा से छोड़ा गया 16 हजार क्यूसेक पानी दिल्ली तक नहीं पहुंच जाता है और पानी की सामान्य आपूर्ति बहाल नहीं हो जाती है।
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दिल्ली जल बोर्ड नए जल टैंकर वितरण प्रबंधन प्रणाली (डब्ल्यूटीडीएमएस) के माध्यम से पानी के टैंकरों की निगरानी कर रहा है। डब्ल्यूटीडीएमएस जीपीएस आधारित ट्रैकिंग के जरिए रीयल टाइम अपडेट देता है। डब्ल्यूटीडीएमएस एप्लिकेशन हर 10 सेकंड में टैंकर की आवाजाही को ट्रैक करता है। टैंकरों द्वारा फिलिंग पॉइंट लोकेशन और डिलीवरी पॉइंट के बीच की जाने वाली प्रत्येक ट्रिप की एमआईएस रिपोर्ट प्राप्त करता है। डब्ल्यूटीडीएमएस एक क्लिक पर टैंकरों की ट्रिप और काम के प्रदर्शन की जानकारी तारीख के हिसाब से उपलब्ध कराता है। इससे दिल्ली में पानी के टैंकर सिस्टम में काफी सुधार हुआ है।