फिर गर्मी नहीं करेगी परेशान
दोस्तों,गर्मियों के मौसम ने दस्तक दे दी है और इस साल तो समय से काफी पूर्व ही हम सब के पसीने छूटने लगे हैं। कहां तो होली पर्व के बाद ही थोड़ी बहुत गर्मी शुरू हुआ करती थी परंतु इस वर्ष गर्मियां कुछ ज्यादा ही जल्दी आ चुकी हैं।
खैर, मौसम तो बदलते रहते हैं ।ऋतु परिवर्तन तो प्रकृति का नियम है। सर्दी,गर्मी,गर्मी के बाद बारिश ,बारिश के बाद सर्दी ,सर्दी के बाद गर्मी यह सब तो चलता ही रहता है। ऋतु देर सवेर आती जाती रहती हैं।किंतु इसका यह अर्थ कदापि नहीं कि हम ऋतु परिवर्तन में स्वयं का ध्यान ना रखें और ऋतु परिवर्तन से होने वाली परेशानियों को झेलें।
अपने इस आलेख के माध्यम से मैं अपने अनुभवों के आधार पर आप सभी से गर्मियों से बचने के उपाय साझा करना चाहती हूं। वैसे तो मेरे पाठकगण मुझ से कहीं अधिक समझदार एवं अनुभवी होंगे परंतु यह भी सत्य है कि कभी-कभी सब कुछ हमारे सामने होते हुए भी हम कुछ चीजों को संयोग से कहें या जल्दबाजी में, नजरअंदाज कर देते हैं और इसी का खामियाजा फिर हमारे स्वास्थ्य को भुगतना पड़ता है।तो ऐसा ना हो, इसलिए हमें गर्मी से बचाव के तरीकों को ध्यान में रखना होगा और जब तक गर्मी अपना असर करना कुछ हद तक कम ना कर दें तब तक हमें कुछ नियमों का नियमित रूप से पालन करना होगा और ऐसी कुछ सावधानियां बरतनी होंगी जिसके पश्चात गर्मियां हम पर अपना दुष्प्रभाव नहीं छोड़ पाएंगी। ऐसे ही कुछ उपायों और सावधानियों को आप सभी के लिए लेकर आज मैं उपस्थित हूं, ताकि हम सेहत के खजाने से खुशियों के मोती सदैव चुनते रहें।
* गर्मियां शुरू होने से पहले ही हमें गर्मियों के दौरान पहने जाने वाले कपड़ों को अलमारियों अथवा सूटकेस से बाहर निकाल कर धो लेना चाहिए और यदि धोना संभव ना हो तो कम से कम कपड़ों को धूप में अवश्य रखना चाहिए क्योंकि लंबे समय से अलमारी और सूटकेस में बंद कपड़ों में अक्सर कीटाणु घर कर जाते हैं और यदि उन्हें डायरेक्ट पहन लिया जाए तो काफी लोगों को एलर्जी संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
*गर्मी से स्वयं को बचाने के लिए ठंडे पदार्थों का सेवन करें जितना संभव हो सके तेज गर्म चीजों को ना ही खाया जाए। ठंडे पदार्थों से यहां मेरा तात्पर्य फ्रिज में रखे हुए पदार्थों से कदापि नहीं है।सर्दियां हो चाहे गर्मियां ,कभी भी फ्रीज में रखी चीजों को तुरंत नहीं खाना चाहिए। ठंडे पदार्थों से मेरा मतलब उन पदार्थों से है जिन की तासीर ठंडी होती है और जो हमें गर्मी से राहत देते हैं। ऐसे कुछ घरेलू पदार्थ जैसे आम पन्ना ,नींबू की शिकंजी और गोंद कतीरा को दूध में डालकर पीने से स्वास्थ्य को लाभ मिलता है और गर्मी का असर भी कम होता है।
*गर्मियों में अक्सर लू का दुष्प्रभाव हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है। लू से बचने के लिए जब भी घर से बाहर निकले तो त्वचा पर सनस्क्रीन का प्रयोग अवश्य करें,छाते के बिना घर से बाहर ना निकलें,यदि छाते का प्रयोग संभव ना हो तो सिर पर एक कैप या सूती कपड़ा अवश्य पहन कर ही घर से निकलें।
*जितना संभव हो ,तले भुने पदार्थों का सेवन कम से कम करें ।बाहर बाजार के पके हुए खाने से बचें एवं घर का बना हुआ ताजा खाना ही खाएं ।परंतु रोजमर्रा की जिंदगी में यह संभव नहीं है कि हम बाहर का खाना बिल्कुल ही अवॉइड कर पाएं, इसलिए बाहर का खाना यदि खाना भी पड़े तो किसी अच्छी जगह पर ही खाएं ताकि पेट संबंधी रोगों से दूर रहा जा सके ।उसमें भी अधिक से अधिक मात्रा में तरल पदार्थों का ही सेवन करें तो बेहतर होगा।
*गर्मियों में अक्सर शरीर के भीतर पानी की कमी हो जाती है क्योंकि गर्मियों में पसीना बहुत अधिक आता है। पानी की कमी ना होने पाए, अत: गर्मियों में हर रोज 8 से 10 गिलास पानी पीना बहुत जरूरी है।इसके अतिरिक्त दूध लस्सी, छाछ, जूस इत्यादि का सेवन भी किया जा सकता है।
*गर्मियों में अधिकतर सूती वस्त्रों का ही प्रयोग करें ।ज्यादा चटकीले भड़कीले और रेशमी कपड़ों को पहनने से बचें सूती कपड़े पहनने में काफी आरामदायक भी होते हैं जिससे हमें गर्मी का ज्यादा एहसास नहीं होता।
*दिन में तीन से चार बार अपने चेहरे को फेस वॉश से धोएं। फेस वॉश ना होने की स्थिति में केवल सादे पानी से भी चेहरे को धोने से चेहरे पर जमी धूल और गंदगी साफ हो जाती है और गर्मी का प्रभाव भी कम हो जाता है।
*गर्मी के मौसम में जितना जरूरत हो उतना ही मेकअप करें।आवश्यकता से अधिक ब्यूटी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करने से त्वचा को हानि पहुंच सकती है ।ध्यान रहे,अच्छे से अच्छे ब्रांड के ब्यूटी प्रोडक्ट्स भी कभी-कभी गर्मियों में हमारी त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
*यदि आप कहीं बाहर गर्मी से घर में अथवा एसी वाली बस ,ट्रेन या कार में जा रहे हैं तो तुरंत एसी का प्रयोग ना करें ।ऐसी स्थिति में जुखाम होने का डर होता है । 5 से 10 मिनट का इंतजार करें और पसीना सूखने के बाद ही एसी चालू करें.
*लू के मौसम में जितना संभव हो घर के भीतर ही रहें,परंतु यदि घर से बाहर निकलना ही पड़ता है तो अपने साथ ठंडे पानी की बोतल,सनग्लासेज, कैप,रूमाल,सूती कपड़ा और छाता अवश्य रखें।
*गर्मी की वजह से शारीरिक गतिविधियों में कटौती करने की कतई आवश्यकता नहीं है। यदि आप मॉर्निंग और इवनिंग वॉक पर नियमित रूप से जाते हैं तो गर्मियों में भी सूरज ढलने के बाद बाहर जाया जा सकता है। परंतु ध्यान रहे कि पसीना आने की स्थिति में ठंडा पानी बिल्कुल ना पिएं क्योंकि इससे भी जुकाम लग सकता है।
अंत में सबसे महत्वपूर्ण बात जिस प्रकार गर्मी हम मनुष्यों पर असर करती है उसी प्रकार पशु पक्षियों पर भी,इसलिए अपने घर के बाहर अथवा मुंडेर या छत पर पानी से भर कर एक बर्तन अवश्य रखें ताकि वहां से गुजरने वाले अबोध पशु पक्षी भी अपनी प्यास बुझा सकें।
पिंकी सिंघल, अध्यापिका
शालीमार बाग दिल्ली