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निगम आयुक्त द्वारा प्रस्तुत बजट वास्तविकता से दूर : रविन्द्र भारद्वाज

नई दिल्ली। उत्तरी निगम की स्थायी समिति ने बजट पर चर्चा आरंभ करते हुए आम आदमी पार्टी के रविन्द्र भारद्वाज ने आयुक्त द्वारा प्रस्तुत बजट को वास्तविकता से दूर बताया तथा कहा कि सितम्बर 2020 तक की आय कलेक्शन को देखते हुए बचे हुए समय मेंप्रस्तावित आय और व्ययय के आंकड़े ख्वाली पुलाव हैं। श्री भारद्वाज ने कहा कि सत्तारूढ़ भाजपा कर्मचारियों को व पेंशनधारियों को उसका 5-6 महीने का बकाया वेतन व पेंशन देने की बजाये धरना व प्रदर्शन की राजनीति अपनाये हुए हैं। उन्होंने भाजपा द्वारा मांगे जा रहे 13000 करोड़ रुपये की राशि का खण्डन करते हुए कहा कि भाजपा द्वारा कभी भी इसकी जानकारी न तो सदन बैठकों में और न ही माननीय कोर्ट को उपलब्ध करवाई है।
श्री भाद्वाज ने बताया कि भाजपा की खराब प्रशासन, कुनीतियों और व्याप्त भ्रष्टाचार के कारण निगम के सभी प्रस्तावित योजनाएं ठण्डे बस्ते में पड़े हुए हैं। वार्डों में विकास कार्य रुके हुए हैं और नौबत यहां तक भी आ गई है कि किसी पार्षद को अपने क्षेत्र में नालियों पर जाली लगानी हो तो वह भी निगम स्टोरों से नदारत हैं। श्री भाद्वाज ने निगम के स्वास्थ्य विभाग, पर्यावरण प्रबंधन विभाग, शिक्षा विभाग, सम्पत्तिकर विभाग पर बोलते हुए इनकी खामियों को गिनवाया तथा आय प्राप्ति व निगम योजनाओं को मूर्त रूप देने के सुझाव दिये। श्री रविन्द्र भारद्वाज ने बताया कि सबसे बड़ी दु:खद बात यह है कि उत्तरी व दक्षिणी निगम का कार्य एक ही आयुक्त द्वारा देखा जा रहा है जिसके कारण उत्तरी निगम निर्णय लेने से तथा नई योजनाएं लाने में अक्षम साबित हो रही है।
रविन्द्र भारद्वाज ने कर्मचारी कलयाण पर बोलते हुए कहा कि आयुक्त द्वारा 500 लैफ्ट आउट केसों के सफाई कर्मचारियों को नियमित करे जाने की उपलब्धि गिनवाना ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। अभी भी दैनिक वेतन भोगी सफाई कर्मचारी व अन्य विभागों में कार्य कर रहे चतुर्थ श्रेणी के दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी और डीबीसी वर्षों से नियमित होने का इंतजार कर रहे हैं और उनमें से काफी कच्चे कर्मचारी 60 वर्ष की आयु पार करके सेवानिवृत्त भी हो गये हैं।

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