नशे के विरुद्ध एक दिवसीय 17 वां जागरूकता कार्यक्रम आयोजित
पंचकूला (हितेश सचदेवा)। हरियाणा राज्य नारकोटिक्स ब्यूरो के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्री ओ.पी. सिंह साहब के दिशानिर्देशों एवं पुलिस अधीक्षक श्री शशांक कुमार सावन साहब के आदेशानुसार नशे के विरुद्ध ताबड़तोड़ कार्रवाई की जा रही है। नशे के विरुद्ध जागरूकता के माध्यम से भी नशा मुक्त हरियाणा के प्रयास निरंतर जारी है। जागरूकता कार्यक्रम के लिए ब्यूरो द्वारा जागरूकता कार्यक्रम एवं पुनर्वास प्रभारी उप निरीक्षक डॉ. अशोक कुमार वर्मा नियुक्त हैं जो प्राय: साइकिल की सवारी का प्रयोग करते हुए हरियाणा के विभिन्न शहरों में लोगों को नशा मुक्त अभियान से जोड़कर नशे से दूर रहने के लिए जागरूक कर रहे हैं। आज वे राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान सेक्टर 14 पंचकूला में पहुंचे हुए थे। संस्थान के जीआई शिव चरण की अध्यक्षता में संस्थान में एक दिवसीय 17वां नशे के विरुद्ध जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। ब्यूरो के जागरूकता कार्यक्रम एवं पुनर्वास प्रभारी डॉ. अशोक कुमार वर्मा ने बताया कि हरियाणा पुलिस और ब्यूरो नशे के समाप्त करने के लिए प्रयासरत है जिसके अंतर्गत वर्ष 2023 में 3823 अभियोग अंकित कर 5460 अपराधियों को सलाखों के पीछे भेजा है। इतना ही नहीं 86 नशा तस्करों की सम्पतियाँ जब्त कर उनकी कमर तोड़ी गई है और वे अपराधी अब कारागार में है। अपराधियों के विरुद्ध यह कार्य निरतंर चल रहा है तो दूसरी और जागरूकता के माध्यम से भी लोगों को नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित किया जा रहा है कि नशा होता अच्छा तो माँ कहती खा ले मेरे बच्चा। आगे डॉ. अशोक कुमार वर्मा ने कहा कि आज युवाओं में हुक्के, इ हुक्के और इ सिगरेट के प्रति रुझान बढ़ रहा है। हम सबको मिलकर इस बात को समझना होगा कि हुक्का मनुष्य के लिए बहुत घातक है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार हुक्का पीने से शरीर में धुआं जाता है जिससे फेफड़ों में संक्रमण बढ़ता है और दमा की समस्या हो सकती है। इतना ही नहीं यह हृदय रोग और हृदयघात का कारण बनता है। इ हुक्का में जो फ्लेवर्स प्रयोग होते हैं उनसे कैंसर जैसी घातक समस्या उत्पन्न हो रही है। आजकल विवाह समारोह आदि में भी यह प्रचलन में आ रहा है। एक हुक्के को कई लोग पीते हैं जिससे एक से दूसरे में कई तरह की बैक्टीरियल डिजीज होने का खतरा रहता है। मुंह की कोई बीमारी दूसरे में जा सकती है। हुक्का पीने से यूरिन में क्रेटिनिन की मात्रा बढ़ सकती है, जिससे किडनी की बीमारियां हो सकती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2022 में भारत में कैंसर के 14.1 लाख से अधिक मामले सामने आये हैं इस रोग के कारण 9.1 लाख से अधिक मृत्यु हुई है। पुरुषों में होंठ, मुँह और फेफड़े का कैंसर सबसे अधिक था।