एनसीबी हरियाणा के उप निरीक्षक डॉ. अशोक कुमार वर्मा साइकिल पर गाँव गाँव जाकर नशे के विरुद्ध करते हैं प्रचार प्रसार
कुरुक्षेत्र (हितेश सचदेवा)। हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कण्ट्रोल ब्यूरो के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्री ओ.पी. सिंह के दिशानिर्देशों, पुलिस उप महानिरीक्षक श्री सिमरदीप सिंह साहब, पुलिस अधीक्षक श्री शशांक कुमार सावन साहब, पुलिस अधीक्षक सुश्री नीतिका गहलोत, और पुलिस अधीक्षक सुश्री पंखुड़ी कुमार के आदेशानुसार हरियाणा को नशा मुक्त करने के लिए प्रतिदिन अपराधियों को सलाखों के पीछे भेजा जा रहा है तो दूसरी और नशे के विरुद्ध जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। हरियाणा प्रदेश में जागरूकता कार्यक्रम का दायित्व ब्यूरो के उप निरीक्षक डॉ. अशोक कुमार वर्मा को सौंपा गया है। वे प्रतिदिन अलग अलग ज़िलों में नशे के विरुद्ध जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर युवाओं को नशे के दुष्प्रभावों से विस्तारपूर्वक परिचित करा उन्हें शपथ दिलवा रहे हैं। इस कड़ी में आज वे प्रात: साइकिल लेकर पुलिस लाइन से पीपली, मोहन नगर, सेक्टर 13 आदि से होते हुए बस अड्डे पर पहुंचे। यहाँ पर चालक प्रशिक्षणार्थियों को नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित किया। यह कुरुक्षेत्र ज़िले में उन द्वारा 299 वां जागरूकता कार्यक्रम था। उन्होंने युवाओं को बताया कि किस प्रकार हरियाणा पुलिस और नारकोटिक्स कण्ट्रोल ब्यूरो नियमित नशा तस्करों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई करते हुए उन्हें सलाखों के पीछे भेज रही है लेकिन जागरूकता के अभाव में भोले भाले युवा और बच्चे उन नशा तस्करों के जाल में फंसकर न केवल नशा स्वयं करते हैं अपितु थोड़े समय पश्चात वही व्यक्ति नशा की आपूर्ति में सहयोग करते हैं। इस श्रंखला को तोड़ने के लिए पुलिस और ब्यूरो हर प्रकार से कार्य कर रही है। केवल वर्ष 2023 में हरियाणा पुलिस और नारकोटिक्स कण्ट्रोल ब्यूरो द्वारा 3823 अभियोगों में 5460 अपराधियों को सलाखों के पीछे भेजा है। नशे के अपराध को समूल नष्ट करने के लिए अपराधियों को पकड़ने के साथ साथ नशे के शिकार हो चुके युवाओं का निशुल्क उपचार कराया जाता है। ब्यूरो का हेल्पलाइन नंबर 9050891508 इस कार्य के लिए है जिस पर गुप्त सूचनाएं निर्भीकता के साथ दी जाए सकती हैं। नशे से छुटकारा पाने वाले व्यक्ति भी इसका लाभ उठा सकते हैं। इस जागरूकता कार्यक्रम में 118 प्रतिभागियों के साथ साथ बस अड्डे पर खड़े अनेक युवाओं ने भाग लिया। ब्यूरो के जागरूकता कार्यक्रम एवं पुनर्वास प्रभारी/उप निरीक्षक डॉ. अशोक कुमार वर्मा ने आगे कहा कि भारत सरकार द्वारा 1985 में नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटांस एक्ट बनाया गया था। इस अधिनियम के अंतर्गत अफीम, भांग, गांजा, चरस, हेरोइन, स्मैक, चिट्टा, एलएसडी, नशीली गोलियां, नशीले टीके आदि पर सम्पूर्ण भारत में प्रतिबन्ध लगाया गया है। कोई भी व्यक्ति एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत इन मादक पदार्थों एवं नशीली औषधियों का न तो सेवन कर सकता है। न अपने पास रख सकता है। न क्रय विक्रय कर सकता है। न ही ऐसे किसी कार्य में सहयोग कर सकता है। भारत सरकार द्वारा वर्ष 2016 में एक सर्वेक्षण करवाया गया था। इस सर्वेक्षण में यह तथ्य सम्मान आए कि भारत के 256 ज़िले पूर्ण रूप से ड्रग्स से प्रभावित हैं और हरियाणा के उस समय 12 ज़िले प्रभावित थे। हरियाणा में 25 अगस्त 2020 को हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो का गठन किया गया जिसका उदेश्य एकमात्र हरियाणा को नशा मुक्त करना है। डॉ. वर्मा ने आगे कहा कि प्रतिबंधित नशे के साथ साथ बीड़ी सिगरेट तम्बाकू और मदिरा स्वास्थ्य के लिए बहुत अधिक घातक है। उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों पर दृष्टिपात करते हुए कहा कि पूरे विश्व में एक वर्ष में तम्बाकू जनित रोगों से मरने वाले लोगों की औसत 70 लाख है जबकि भारत में यह आंकड़ा 17 लाख प्रतिवर्ष है। उन्होंने युवाओं को बताया कि इससे कैंसर जैसे भयंकर रोग मनुष्य के जीवन का हर रहे है। प्रत्येक 4 सेकंड में एक व्यक्ति धूम्रपान और तम्बाकू के कारण मरता है। कार्यक्रम के अंत में डॉ. वर्मा ने युवाओं से शपथ ग्रहण करवाई।