अग्निकांड की इस दर्दनाक घटना में मृतकों के परिजनों को दिल्ली सरकार सहायता राशि दे : मनोज तिवारी
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने प्रदेश कार्यालय पर दिल्ली के रानी झांसी रोड पर अनाज मंडी स्थित पैकेजिंग फैक्ट्री में आग लगने की वजह से 43 लोगों की मृत्यु होने पर संवेदना प्रकट करते हुये दिल्ली भाजपा की ओर से गठित फेक्ट फाईन्डिग कमेटी की जानकारी देने और इस अग्निकांड में दिल्ली सरकार की गैर-जिम्मेदारी को उजागर करने के लिए प्रेसवार्ता की। पत्रकारों के समक्ष वीडियों के माध्यम से दिखाया गया कि किस प्रकार इस पूरे क्षेत्र में बिजली के तारों का जाल बिछा हुआ है और घटनास्थल पर जाने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री घायलों से मिलने अस्पताल जाने के बजाय किस प्रकार बधाई तिमारपुर नामक कार्यक्रम में जाकर सम्मिलित हुये जो कि मुख्यमंत्री की इस घटना के प्रति गम्भीरता और संवेदनहीनता को स्पष्ट रूप से दिखा रहा है। एक ओर मुख्यमंत्री बधाई तिमारपुर कार्यक्रम में व्यस्त थे तो दूसरी ओर उप मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति हो रही थी। एक तीसरे वीडियों में मृतकों और घायलों को एंबुलेन्स की जगह ऑटो रिक्शा में ले जाया जा रहा था जो कि दिल्ली सरकार के 9 करोड़ के मोटरसाईकल एंबुलेन्स के विज्ञापनों की पोल खोलता है। इस प्रेस वार्ता में दक्षिणी दिल्ली के सांसद श्री रमेश बिधूड़ी, मीडिया प्रभारी श्री प्रत्यूष कंठ, सह-प्रभारी श्री नीलकांत बक्शी एवं मीडिया प्रमुख श्री अशोक गोयल देवराहा उपस्थित थे।
भावुक मन से पत्रकारों को सम्बोधित करते हुये दिल्ली भाजपा अध्यक्ष श्री मनोज तिवारी ने कहा कि कल की दिल दहला देने वाले अग्निकांड की सूचना मिलने के बाद दिल्ली भाजपा की पूरी टीम जिसमें केन्द्रीय मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी, श्री अनुराग ठाकुर, सांसद श्री प्रवेश वर्मा के साथ मैं घटनास्थल पर पहुंचा और हमनें कहा कि यह घटना दर्दनाक है, इस पर कोई भी टिप्पणी करने से पहले 24 घण्टें का इंतजार करे ताकि प्रमाण के साथ कोई बात की जा सके, लेकिन इसके ठीक विपरीत दिल्ली सरकार के लोगों के साथ मुख्यमंत्री पहुंचे और उन्होनें तत्काल प्रभाव से दोषारोपण करना शुरू कर दिया। हम दिल्ली और देश के सामने इस भयावह अग्निकांड की सच्चाई लायेंगे ताकि इस घटना की उच्च स्तरीय जांच हो और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिल सके। दिल्ली में इससे पहले बवाना, करोलबाग में भी हृदय विदारक अग्निकांड हुये जिसमें जांच कमेटियां तो बनाई गई लेकिन सवाल यह उठता है कि आज तक किसी भी अग्निकांड की कोई रिपोर्ट सामने नहीं आई और यदि रिपोर्ट आने का दावा भी किया जाता है तो वह मीडिया के माध्यम से जनता के बीच नहीं आई।
श्री तिवारी ने कहा कि अवैध पैकेजिंग फैक्ट्री में लगी आग में फंसे लोग अपने परिजनों से फोन पर बात कर पा रहे थे। लेकिन अपनी जान बचाने के लिए वो बाहर नहीं निकल सकते थे, क्योंकि बाहर मुख्य द्वार पर ताला लगा हुआ था। प्रश्न यह उठता है कि ताला किसने लगाया। पहली ही नजर में यह दुर्घटना नहीं 43 लोगों का हत्या है। इसके दोषियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए। एक ओर इस हत्याकांड की जांच के लिए दिल्ली भाजपा अपनी ओर से फैक्ट फाईडिंग कमेटी का गठन कर रही है। यह कमेटी स्वतंत्र रूप से अपनी जांच कर घटना के सत्य को एक हफ्ते की भीतर जनता के सामने रखेगी। इस फैक्ट फाइंडिंग कमेटी में रिटा. हाई कोर्ट जज श्री मूलचंद गर्ग, रिटा. विधि सचिव श्री पी के मल्होत्रा, पूर्व ज्वाइंट सेक्रेटरी डॉ. यशपाल चंद्र धनगे और पूर्व ज्वाइंट सीपी श्री भैरों सिंह गुर्जर को सदस्य बनाया गया हैं। दूसरी ओर 5 सदस्यीय समन्वय समिती का गठन किया गया है जो कि सहायता राशि देने के कार्य को समुचित ढंग से क्रियान्वयन करने में लोगों की मदद करेगी। इस कमेटी में प्रदेश उपाध्यक्ष श्री अभय वर्मा एवं श्रीमति योगिता सिंह, अल्पसंख्यक मोर्चा अध्यक्ष मो. हारून, पूर्वांचल मोर्चा अध्यक्ष श्री मनीष सिंह एवं डॉ. सरदार खान होगें।
श्री तिवारी ने कहा 6 मंजिला की बिल्डिंग में आग लगी और चैथे मंजिल पर फैक्ट्री चल रही थी जहां 100 से अधिक लोग मौजूद थे जिनमें से 60 लोगों की फायर कर्मियों ने जान बचाई। आग लगने से चीख पुकार मचती रही, लेकिन कोई बाहर नहीं जा सका क्योंकि मालिक रेहान ने बाहर से ताला लगा रखा था। सूत्रों के अनुसार रेहान आम आदमी पार्टी का कार्यकर्ता है। जिस क्षेत्र में यह अवैध फैक्ट्री चल रही थी वहां कि स्थानीय विधायक और पार्षद आम आदमी पार्टी के है जिनके संरक्षण से यह काम कई वर्षों से चल रहा था। केजरीवाल ने विज्ञापनों पर तो करोड़ो रूपये खर्च किये, लेकिन इस ह्दयविदारक घटना पर संवेदनहीन मुख्यमंत्री 10 लाख की सहायता राशि दे रहे है जो कि बहुत ही कम है। दिल्ली भाजपा यह मांग करती है कि इस घटना में मृतक के परिजनों को एक करोड़ रूपये और घायलों को दस लाख रूपये की सहायता राशि दिल्ली सरकार दे।
श्री तिवारी ने कहा कि दिल्ली सरकार का श्रम विभाग भी इस ओर कभी कोई कारवाई नहीं करता था और बिजली का कनेक्शन जो कि कमर्शियल होना चाहिए था वो भी राजनीतिक मिलीभगत से घरेलू कनेक्शन लगाया गया था। वर्ष 2006 में ही इस क्षेत्र को प्रोटेक्टेड किया गया था और 2017 में इस क्षेत्र को री-डेवेल्पमेन्ट एरिया घोषित कर दिया गया था जिसकी फाईल मुख्यमंत्री केजरीवाल दाबाकर बैठे थे, यदि केजरीवाल ने इस पर कोई कारवाई की होती तो हादसे को टाला जा सकता था । सारे के सारे विभाग दिल्ली सरकार के थे लेकिन कार्यवाई किसी ने नहीं की आखिर क्यों? मुख्यमंत्री जवाब दे इन मौतों की जिम्मेदारी कौन लेगा। नैतिकता की उम्मीद तो उनसे की नहीं जा सकती है लेकिन दिल्ली भाजपा यह मागं करती है कि इस पूरे घटनाक्रम की जिम्मेदारी लेते हुये मुख्यमंत्री को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए।