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आंगनवाड़ी केंद्रों का ऑडिट कराने और दोषियों पर सख्त कार्यवाही करने का आदेश दिया

नई दिल्ली। कैबिनेट मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने महिला एवं बाल विकास विभाग के निदेशक के साथ नंद नगरी, सुंदर नगरी और सीमापुरी विधानसभा के क्षेत्रों में आईसीडीएस के तहत आने वाले लाभार्थियों के घर जाकर औचक निरीक्षण किया।
निरीक्षण का उद्देश्य इस योजना के कार्यान्वयन की जांच करना था जिसके तहत घर ले जाने वाले राशन (टेक होम राशन), बच्चों और गर्भवती महिलाओं को आंगनवाड़ी वर्कर्स द्वारा वितरित किया जाता है।
योजना के अनुसार, 1300 ग्राम दलिया, 260 ग्राम काले चने (कच्चे), 130 ग्राम गुड़ और 130 ग्राम भुने काले चने की मात्रा बच्चों को 13 दिनों के लिए वितरित किया जाना चाहिए।
गर्भवती महिलाओं के लिए, 1690 ग्राम दलिया, 260 ग्राम काले चने (कच्चे), 130 ग्राम गुड़ और 130 ग्राम भुने काले चने का वितरण किया जाना चाहिए।
हालांकि, निरीक्षण करने पर, यह पता चला कि 13 दिनों में केवल 120 ग्राम दलिया, 50 ग्राम भुना हुआ चना बच्चों को प्रदान किया गया था। कई जगहों पर, यह भी पता चला कि केवल 15 प्रतिशत राशन ही वितरित किया गया है और बाकी नहीं दिया गया।
आईसीडीएस योजना के तहत गर्भवती महिलाओं और बच्चों तक राशन नहीं पहुंचने के बारे में हमें कई विधान सभाओं से शिकायतें मिली थीं। हमने औचक निरीक्षण करने का फैसला किया जिसमें यह पाया गया कि मुश्किल से 15 प्रतिशत राशन वितरित किया जा रहा है।
यह बेहद ही हैरान करने वाली बात है कि कुछ लाभार्थियों को केवल 50 ग्राम चना ही प्राप्त हुआ, जबकि आईसीडीएस के तहत निर्धारित मात्रा 260 ग्राम है। डायरेक्टर को सभी आगनवाड़ी केंद्रों के ऑडिट करने और दोषियों पर सख्त कार्यवाही के निर्देश दिए। इस मामले की जांच कर कारणों का पता लगाने को कहा और जब तक रिपोर्ट न आ जाए, तब तक सभी भुगतान रोक दिए जाने के निर्देश दिए।
दिल्ली की कई विधानसभाओं से शिकायतें मिली और सभी क्षेत्रों के आंगनवाड़ी केंद्रों के ऑडिट और निरीक्षण के निर्देश भी दिए।
इस कठिन समय में, जब दिल्ली सरकार जरूरतमंदों को हर संभव सहायता प्रदान करने की कोशिश कर रही है, ऐसे में राशन में इस तरह की अनियमितताओं का आना दुखद और चौंकाने वाला है।

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