राज्य सरकार जनजातीय क्षेत्र के सामाजिक, शैक्षिक एवं आर्थिक उत्थान के लिए प्रतिबद्ध : अशोक गहलोत
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि जनजातीय क्षेत्र की परम्पराओं और संस्कृति के संरक्षण के साथ ही शिक्षा के माध्यम से इस क्षेत्र के सामाजिक एवं आर्थिक उत्थान के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। हमारे पिछले कार्यकाल में स्थापित प्रदेश के एकमात्र जनजातीय विश्वविद्यालय ने कम समय में ही आदिवासी क्षेत्र में उच्च शिक्षा को गति दी है। जनजातीय क्षेत्र के विद्यार्थियों को तकनीक के माध्यम से अध्ययन के अवसर उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री ने बांसवाड़ा के इंजीनियरिंग कॉलेज में आईटी आधारित आधुनिक पुस्तकालय स्थापित करने की घोषणा की।
श्री गहलोत ने मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से गोविंद गुरू जनजातीय विश्वविद्यालय, बांसवाड़ा में महर्षि वाल्मीकि भवन, परीक्षा एवं शोध अनुभाग के लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह सुखद है कि इतने कम समय में ही करीब 150 कॉलेज इस विश्वविद्यालय से संबद्ध हो गए हैं और करीब 1 लाख 50 हजार विद्यार्थी इसके माध्यम से उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। साथ ही, करीब 250 शोधार्थी यहां पंजीकृत हैं। हमारा प्रयास है कि इस विश्वविद्यालय में विभिन्न विधाओं का विस्तार होने के साथ ही यहां गुणवत्ता युक्त शिक्षा मिले।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी की जंग हो या समाज सुधार एवं अन्याय के खिलाफ आंदोलन, इस क्षेत्र की सदैव महत्वपूर्ण भूमिका रही है। गोविंद गुरू, भोगीलाल पण्ड्या, भीखाभाई भील, हरिदेव जोशी, कालीबाई सहित कई महान व्यक्तित्व यहां हुए हैं, जिनका जीवन प्रेरणादायी है। उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्र में उच्च शिक्षा के प्रसार के लिए स्थापित गोविन्द गुरू जनजातीय विश्वविद्यालय शिक्षा का उजियारा फैलाने के साथ ही प्रदेश के टीएसपी क्षेत्र में आदिवासी तथा गैर आदिवासी लोगों के बीच सेतु का काम करे। उन्होंने कहा कि हमारी पिछली सरकार के समय वेद विद्यापीठ की स्थापना के लिए किए गए प्रयासों को हम आगे बढ़ाएंगे।
श्री गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि प्रदेश के हर जिले में सरकारी क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज स्थापित हों। आदिवासी क्षेत्र को भी इसका लाभ मिलेगा और इस क्षेत्र में मेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए विगत दो साल में ही करीब 90 कॉलेज खोले गए हैं। बच्चों को आज के समय की आवश्यकता के अनुरूप हिंदी के साथ-साथ अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा मिलेए इसके लिए प्रदेशभर में करीब 100 अंग्रेजी माध्यम के स्कूल खोले गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में संसाधनों को लेकर किसी तरह की कमी नहीं रखी जा रही है।