दिल्ली सरकार ने 6 साल में 450 शराब के ठेके खोले है : हारुन यूसूफ
नई दिल्ली। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार की नाकामियों, असफलताओं, अक्षमताओं और प्रशासनिक कमजोरियों को दिल्लीवासियों के सम्मुख उजागर करने की श्रंखला में आज दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री श्री हारुन यूसूफ ने ने प्रदेश कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज दिल्ली की राशन वितरण प्रणाली ध्वस्त हो गई है। कांग्रेस की दिल्ली सरकार ने अक्टूबर 2013 में खाद्य सुरक्षा कानून को लागू करके 72 लाख लोगों परिवारों को राशन मुहैया कराया। जबकि दिल्ली की जनसंख्या 2013 की तुलना में बहुत अधिक बढ़ चुकी है।
संवाददाताओं को सम्बोधित करते हुए श्री हारुन यूसूफ ने कहा कि अरविन्द सरकार ने 6 साल के कार्यकाल में 11.49 लाख परिवारों ने नए राशन बनाने के लिए आवेदन किया, जिसमें से अधिकांश 5 वर्ष से लम्बित पड़े है। श्री यूसूफ ने कहा कि औसतन एक परिवार में 5 सदस्य के अनुसार केजरीवाल सरकार 55 लाख व्यक्तियों का निवाला प्रतिदिन छीन रही है। श्री यूसूफ ने कहा कि दिल्ली सरकार यदि इन 55 लाख लोगों को राशन कार्ड जारी नही करेगी तो कांग्रेस पार्टी इनके समर्थन में अरविन्द सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेगी।
हारुन यूसूफ ने कहा कि दिल्ली के 70 प्रतिशत परिवार झुग्गी झौपड़ी और अनाधिकृत कालोनियों में रहते है और हाल ही में दिल्ली सरकार द्वारा किए गए सर्वे के अनुसार सिर्फ 40.70 प्रतिशत परिवारों के पास राशन कार्ड है उनमें से 14 प्रतिशत परिवारो को राशन नही मिल पाता है। उन्हांने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार आम आदमी खासकर गरीब, मजदूरां को खाद्य सुरक्षा के दायरे से बाहर करके भुखमरी की ओर धकेल रही है।
हारुन यूसूफ ने कहा कि अरविन्द सरकार की 6 साल की उपलब्धियां केवल यह है कि 461 राशन की दुकानें बंद करके 450 शराब के ठेके खोले है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने दिल्लीवासियों को राशन उपलब्ध कराने की जगह उनके पेट पर लात मारने का काम कर रही है क्योंकि जिस पैसे से जनता के लिए राशन उपलब्ध कराया जा सकता था, अरविन्द सरकार ने 511.78 करोड़ रुपये अपने प्रचार पर खर्च किए है। उन्होंने कहा कि दिल्लीवासियों की जरुरतों के प्रति अरविन्द सरकार की संवेदनाए खत्म हो चुकी है और मंत्रियों सहित विधायक भ्रष्टाचार करने में लगे हुए है।
हारुन यूसूफ ने कहा कि कोविड महामारी के शुरुआती 2 महीनों अप्रैल-मई में दिल्ली की अरविन्द सरकार ने 10 लाख लोगों को खाद्य सामग्री देने की योजना बनाई और 54 लाख लोगों ने राशन के लिए आवेदन किए। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में मुख्यमंत्री अरविन्द 2 महीने तक छुप कर बैठ गए। श्री हारुन यूसूफ ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के दवाब के कारण दिल्ली सरकार को सभी आवेदकों को राशन देने की बात माननी पड़ी। लेकिन 80 प्रतिशत को नियमित राशन नही दिया। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन में भुखमरी के कारण लाखों प्रवासी मजदूरों को दिल्ली छोड़कर जाना पड़ा क्योंकि अरविन्द सरकार इन मजदूरों को दो वक्त तक का भोजन मुहैया नही करा सकी। श्री हारुन यूसूफ ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार के नेतृत्व में दिल्ली कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस की रसोई के द्वारा लाखों मजदूरों और जरुरतमंदों को दिल्ली भर में पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया गया।
हारुन यूसूफ ने कहा कि जनता संवाद पोर्टल के अुनसार राशन कार्ड बनने के लिए अभी तक 54 लाख आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें अधिकांश को एक बार ही 5 किलो प्रति व्यक्ति राशन देकर सरकार ने अपना पल्ला झाड़ लिया। श्री यूसूफ ने कहा कि सरकारी योजना के तहत सांसद और विधायकों को जो 2000-2000 के कूपन बांटे गए थे, उन्हें भी जरुरतमंदों की जगह आम आदमी पार्टी और भाजपा के कार्यकर्ताओं को दे दिया गया। श्री हारुन यूसूफ ने कहा कोविड-19 महामारी का कहर झेल रहे कंटेनमेन्ट जोन के अंतर्गत राशन कार्ड धारकों को दिल्ली सरकार की असंवेदनशीलता और कमजोर प्रशासन की वजह से भारी परेशानी झेलनी पड़ी। पिछले महीने नवम्बर का 47 प्रतिशत गेहूॅ चावल बांटा ही नही गया।
हारुन यूसूफ ने कहा कि कांग्रेस पार्टी अरविन्द सरकार से मांग करती है कि वह विज्ञापन पर सरकारी खजाना खाली करने की जगह 55 लाख आवेदकों के राशन कार्ड 6 वर्षों से पेंडिग पड़े है, उन्हें खाद्य सुरक्षा से जोड़कर उन्हें राशन मुहैया कराए।