कृषि कानून से किसानों की आर्थिक स्थिति में आएगा बदलाव : आदेश गुप्ता
नई दिल्ली। नए कृषि कानून की सही जानकारी और उससे होने वाले लाभ के बारे में अवगत कराने के लिए दिल्ली भाजपा किसान मोर्चा द्वारा दिल्ली के कृषि क्षेत्रों में किसान महापंचायत का आयोजन किया गया। आज बुराड़ी के कादीपुर मंडल में आयोजित किसान महापंचायत को दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता, राष्ट्रीय मंत्री एवं दिल्ली भाजपा सह-प्रभारी डॉ अलका गुर्जर, एवं दिल्ली भाजपा पूर्व अध्यक्ष व सांसद मनोज तिवारी ने संबोधित किया और कहा कि कृषि कानून से किसानों की आर्थिक स्थिति में बदलाव आएगा और साथ ही खेती की गुणवत्ता भी बढ़ेगी।
प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में आज देश का किसान सशक्त और समृद्ध हो रहा है। उन्होंने कहा कि छह दशकों के शासन में कांग्रेस ने किसानों की बजाय बिचौलियों का साथ दिया और कांग्रेस के प्रधानमंत्री ने भी भ्रष्टाचार की बात स्वीकार की थी। मोदी सरकार के आने के बाद किसानों के लिए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर की व्यवस्था की गई, और योजनाओं का सीधा लाभ किसानों को मिल रहा है। किसान देश के विकास के भागीदार हैं और उनकी पीड़ा को समझते हुए मोदी सरकार ने नए कृषि कानून को लागू किया, और किसानों की समस्याओं से स्थायी समाधान दिया। पहले भी किसान क्रेडिट कार्ड योजना, फसल बीमा योजना, किसान सम्मान निधि योजना जैसे अनेक योजनाओं के माध्यम से मोदी सरकार ने किसानों को लाभ पहुंचाया और अब कृषि कानूनों के माध्यम से उनकी आय को दोगुना करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है।
दिल्ली भाजपा सह-प्रभारी डॉ अलका गुर्जर ने कहा कि कृषि कानून को लेकर अपना निजी स्वार्थ साधने के लिए विपक्ष किसानों को भ्रमित कर रहा है। न तो न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था बंद हुई है और न ही मंडियां, मोदी सरकार सुझाव लेकर संशोधन के लिए भी तैयार है। तीनों नए कृषि कानून वर्षों से आढ़तियों और बिचौलियों के द्वारा शोषित हो किसानों को उनका हक दिलाएंगे। उन्होंने बताया कि जो कांग्रेस पार्टी कृषि कानून का विरोध कर रही है, उसने 2019 के घोषणा पत्र में इस विधेयक को लागू करने की बात कही थी जिसमें कहा था कि कांग्रेस मंडियों को निरस्त कर देगी। कृषि उत्पादों के व्यापार की व्यवस्था करेगी जिसमें निर्यात और अंतरराज्यीय व्यापार भी शामिल होगा जो सभी प्रतिबंधों से मुक्त होगा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के नेतृत्व में आए कृषि कानून के माध्यम से वन नेशन-वन मार्केट की व्यवस्था भी है जिसके तहत किसान को फसल को कहीं भी बेच सकता है। कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग का लाभ बताते हुए उन्होंने कहा कि किसान द्वारा किए गए करार में सिर्फ फसल का अनुबंध होगा, उसकी भूमि का नहीं। साथ ही खेत में फसल उगाने का अधिकार केवल किसान को होगा।
सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि विपक्षी दल न्यूनतम समर्थन मूल्य और कृषि कानून के नाम पर सिर्फ भ्रम फैला रहे हैं। जबकि कृषि कानून के माध्यम से किसानों को यह अधिकार मिलेगा कि वह ज्यादा मुनाफे के लिए किसान में या बाहर कहीं भी फसल बेच सकते हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने एमएसपी में डेढ़ सौ फीसद की वृद्धि की है। कांग्रेस ने डॉ. स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू नहीं की थी लेकिन किसानों के हित में मोदी सरकार ने इसे लागू किया है। 60 वर्ष से ज्यादा उम्र के किसानों को पेंशन की सुविधा दी गई। उन्होंने बताया कि कोरोना काल में वर्चुअल माध्यम से किसानों की फसल खरीदी गई। पहले की तुलना में 65 फीसद ज्यादा फसल की खरीद हुई है। कृषि कानून किसानों के हित में है, लेकिन विपक्ष गैर जिम्मेदाराना हरकत कर रहा है।
प्रदेश किसान मोर्चा अध्यक्ष विनोद सहरावत ने कहा कि दिल्ली का हर किसान आज कृषि कानून के आने से खुश है और इसके लिए मोदी जी का आभार कर रहे हैं। वहीं मुख्यमंत्री केजरीवाल जो पिछले 6 वर्षों से दिल्ली की सत्ता में है उन्होंने कभी मिली के किसानों के हित में नहीं सोचा बल्कि उनके साथ सौतेला व्यवहार किया। अब केजरीवाल सरकार और उनके मंत्री किसान हितैषी होने का ढोंग कर रहे हैं लेकिन दिल्ली के किसानों के बहकावे में नहीं आने वाले हैं। इस अवसर पर प्रदेश किसान मोर्चा अध्यक्ष विनोद सहरावत, प्रदेश प्रवक्ता बृजेश राय, जिला अध्यक्ष मोहन गोयल, निगम पार्षद अनिल त्यागी, गुलाब सिंह राठौर, संजय त्यागी, हितेंद्र त्यागी, कल्पना झा, राजपाल राणा, रेखा सिन्हा सहित कई गांव के किसान उपस्थित थे।