जल बोर्ड में हो रहे घोटालों की सी.वी.सी. से जांच की मांग
नई दिल्ली। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने भ्रष्टाचार विरोधी नारेबाजी कर सत्ता में आई अरविंद केजरीवाल की सरकार ने भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं और दिल्ली जल बोर्ड सरकार का सबसे भ्रष्ट विभाग बन चुका है। उन्होंने आरोप लगाया कि जल बोर्ड में पहले टेंडर को नामंजूर करने और कुछ समय बाद उसी टेंडर को पुन: स्वीकार कर वर्क ऑर्डर जारी करने का खेल चल रहा है जिससे साफ है कि जब सरकार को मन मुताबिक ‘कटमनीÓ मिल गई तो काम भी जारी कर दिया गया। इस मुद्दे को सी.वी.सी. से जांच कराने की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि हम उपराज्यपाल से भी इस बारे में बात करेंगे और साथ ही इस मुद्दे को विधानसभा में भी उठाएंगे।
आदेश गुप्ता ने जल बोर्ड के तीनों भाजपा सदस्यों विजय भगत, सत्यपाल और राजीव कुमार के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि द्वारका में प्रस्तावित जल शोधन संयंत्र का टेंडर गत वर्ष जुलाई को बोर्ड की बैठक में रद्द कर दिया गया। बाद में इसी टेंडर को जुलाई वर्ष 2021 में वर्क ऑर्डर दे दिया गया। संवाददाता सम्मेलन में प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष श्री राजन तिवारीए प्रदेश प्रवक्ता हरीश खुराना एवं श्रीमती सारिका जैन भी उपस्थित थे।
श्री गुप्ता ने कहा कि 280 करोड़ रुपये से द्वारका में प्रस्तावित जल शोधन संयंत्र को तैयार करने के इस टेंडर को न तो रद्द करते समय और न ही पुन: स्वीकार करते समय कोई कारण दिए गए। भाजपा सदस्यों ने इस पर आपत्ति भी जताई थी। उन्होंने कहा कि जबसे जल बोर्ड के अध्यक्ष सत्येन्द्र जैन बने हैं तब से ऐसा बराबर हो रहा है कि पहले टेंडर रद्द कर दिया जाता है और फिर ‘लेन-देनÓ पूरा होते ही उसी टेंडर को स्वीकार कर वर्कऑर्डर जारी कर दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में सभी तरह के नियमों की अनदेखी की जाती है जबकि 90 दिनों के बाद टेंडर की प्रक्रिया को पुन: शुरु किया जाना चाहिए। जुलाई 2020 में जिस निविदा नंबर 990 को रद्द किया गयाए उसे ही जुलाई 2021 में निविदा नंबर 1150 के अंतर्गत पारित कर दिया गया। दोनों ही मामलों में निविदा रद्द या स्वीकार करने का कोई कारण नहीं दिया गया।
आदेश गुप्ता ने कहा कि जल बोर्ड ही नहीं दिल्ली सरकार के सभी विभाग में श्री केजरीवाल की सरकार में भ्रष्टाचार चरम पर है। इसी भ्रष्टाचार के कारण लाभ में चल रहा जलबोर्ड अब कंगाली और बर्बादी की कागार तक पहुंच चुका है। उन्होंने कहा कि जल बोर्ड में वर्षों से कोई लेखा जांच तक नहीं हुई। बोर्ड में लगातार हो रहे घोटाले की विस्तृत जांच होनी चाहिए।