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दिल्ली सचिवालय में 75वें स्वतंत्रता दिवस का आयोजन

नई दिल्ली। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 75वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दिल्ली सचिवालय में आयोजित कार्यक्रम के दौरान कहा कि दिल्ली के दो करोड लोगों की मेहनत की वजह से दिल्ली आज गवर्नेंस की प्रयोगशाला बन गई है। दिल्ली में लगातार नए-नए प्रयोग हो रहे हैं। दिल्ली के बच्चों को देश के प्रति उनकी जिम्मेदारी का अहसास कराने के लिए शहीद-ए-आजम भगत सिंह के जन्मदिन पर 27 सितंबर से दिल्ली सरकार के सभी स्कूलों में देशभक्ति पाठ्यक्रम पढ़ाया जाएगा। मैं उम्मीद करता हूं कि जल्द ही ऐसा समय आएगा, जब देश के सभी स्कूलों में देशभक्ति का पाठ्यक्रम पढ़ाया जाएगा। सीएम ने कहा कि अब हमें ओलंपिक में 7 नहीं, बल्कि 70 मेडल चाहिएं और इन्हीं मकसदों को पूरा करने के लिए हमने स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी बनाई है। सीएम ने देश के सारे खिलाड़ियों से आह्वान करते हुए कहा कि आप दिल्ली में आएं और आपको सारी सुविधाएं दिल्ली के दो करोड़ लोग देंगे। साथ ही, योग को जन आंदोलन बनाने के लिए हम दो अक्टूबर से पूरी दिल्ली में योग की क्लासेज शुरू करने जा रहे हैं। इस अवसर पर सीएम ने दिल्ली वालों से अपील की कि आइए, हम सभी दिल्लीवासी यह संकल्प लें कि हमें आने वाले समय के अंदर दिल्ली को दुनिया का सबसे बेस्ट शहर बनाना है।
दिल्ली सचिवालय में आज 75वें स्वतंत्रता दिवस का आयोजन बड़ी धूमधाम के साथ किया गया। सचिवालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम के मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल मुख्य अतिथि रहे। इस दौरान उन्होंने ध्वजारोहण कर दिल्ली और पूरे देशवासियों को 75वें स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी। इस दौरान दिल्ली सरकार के सभी मंत्री, विधायक समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज पूरा देश खुशी से देशभक्ति में सराबोर है। इस अवसर पर मैं उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों को दिल्ली के दो करोड़ों लोगों और सभी देश वासियों की तरफ से नमन करता हूं, जिन लोगों ने देश को आजाद कराने के लिए बड़ी-बड़ी कुर्बानियां दीं, तरह-तरह की यातनाएं सहीं, अपने करियर बर्बाद किए, पूरी जिंदगी संघर्ष किया। उन लोगों की वजह से हमारा देश 1947 में आजाद हुआ। आज मैं सभी दिल्ली वासियों और सभी देश वासियों की तरफ से, उन सभी लोगों को नमन करता हूं, जिन लोगों ने 1947 के बाद से लेकर आज तक पिछले 74 साल में इस देश की आजादी को बरकरार रखने के लिए देश की सरहदों के ऊपर अपनी कुर्बानियां दीं।
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