सिक्खों के दूसरे गुरू अंगद देव जी को समर्पित 395वें रक्तदान शिविर आयोजित
कुरुक्षेत्र। सिक्खों के दूसरे गुरू अंगद देव जी को समर्पित एवं गणितज्ञ, हिंदी विश्वकोश के संपादक तथा हिंदी में वैज्ञानिक साहित्य के बहुप्रतिभ लेखक गोरख प्रसाद के जन्म दिन पर अनाज मंडी पीपली में 395वां स्वैच्छिक रक्तदान शिविर आयोजित किया गया. यह शिविर अनाज मंडी संघ के सहयोग से राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित, राष्ट्रीय स्वर्ण पदक विजेता, डायमंड रक्तदाता एवं पर्यावरण प्रहरी डॉ. अशोक कुमार वर्मा द्वारा आयोजित किया गया. शिविर में रक्त संग्रह के लिए लोक नायक जयप्रकाश अस्पताल में स्थित रक्त केंद्र की रक्त संचरण अधिकारी डॉ. रमा की अध्यक्षता में गुरजिंद्र कौर, माणिक, नरेंद्र आदि के दल ने 25 इकाई रक्त संग्रह किया जबकि रक्त देने के लिए 30 से अधिक लोगों ने पंजीकरण कराया था. शिविर संयोजक डॉ. अशोक कुमार वर्मा ने सभी रक्तदाताओं और अतिथियों का धन्यवाद करते हुए कहा कि सिक्खों के दूसरे गुरू अंगद देव जी का जन्म 31 मार्च 1504 ईश्वी को हुआ था और मार्च महीने की ही 28 तारीख को 1552 ईश्वी में इन्होंने शरीर त्याग दिया। इनका वास्तविक नाम लहणा था। गुरू नानक जी ने इनकी भक्ति और आध्यात्मिक योग्यता से प्रभावित होकर इन्हें अपना अंग माना और अंगद नाम दिया। दूसरी और गणितज्ञ, हिंदी विश्वकोष के संपादक तथा हिंदी में वैज्ञानिक साहित्य के बहुप्रतिभ लेखक गोरख प्रसाद के जन्म भी आज के दिन हुआ था. यह शिविर उनको समर्पित है. डॉ. अशोक कुमार वर्मा ने रक्तदाताओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि रक्तदान जीवन में अवश्य करना चाहिए. एक स्वस्थ व्यक्ति को वर्ष में 4 बार रक्तदान करना चाहिए. रक्तदान केवल दूसरे के जीवन के लिए ही लाभदायक नहीं है अपितु रक्तदान के पश्चात व्यक्ति अधिक स्वस्थ हो जाता है. शिविर में इन्होने किया रक्तदान- रंजीत सिंह, सुभाष कुमार गर्ग, विनोद कुमार, अजय सैनी, सतबीर सिंह, कुलदीप सिंह, अशोक कुमार, भरत सिंह, नरेंद्र कुमार, अमित कुमार, आज़ाद सिंह, मनीष, सतीश कुमार, साधिक, रविंद्र कुमार, नरेश, विनोद कुमार, जीतेन्द्र कुमार, राकेश, जय कुमार, अवतार, मनोज कुमार, दिलबाग सिंह, सतीश कुमार, सोनू।