डीएसईयू में की सेंटर फॉर हेल्थकेयर एलाइड मेडिकल एंड पैरामेडिकल साइंसेज की शुरुआत
नई दिल्ली। केजरीवाल सरकार ने हेल्थकेयर साइंस में एक वर्ल्ड-क्लास सेंटर ऑफ एक्सीलेंस विकसित करने की दिशा में स्टेट ऑफ आर्ट फैसिलिटी से लैस सेंटर फॉर हेल्थकेयर एलाइड मेडिकल एंड पैरामेडिकल साइंसेज की शुरुआत की है। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को अपोलो मेडस्किल्स लिमिटेड की पार्टनरशिप के साथ शुरू किए गए इस सेंटर का दिल्ली स्किल एंड एंत्रप्रेन्योरशिप यूनिवर्सिटी के ओखला-II कैंपस में उद्घाटन किया। साथ ही कैंपस में 115 फीट ऊंचे तिरंगे का ध्वजारोहण भी किया। इस मौके पर कालकाजी विधायक आतिशी, तुगलकाबाद के विधायक सही राम, डीएसईयू की उपकुलपति निहारिका वोहरा, उच्चशिक्षा निदेशक रंजना देशवाल, अपोलो हॉस्पिटल्स की जॉइंट मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. संगीता रेड्डी, अपोलो मेडस्किल्स लिमिटेड के सीईओ डॉ. श्रीनिवास राव सहित कई लोग मौजूद रहे।
डीएसईयू का यह सेंटर विद्यार्थियों को हेल्थकेयर और पैरामेडिकल स्किल डोमेन सहित कई क्षेत्रों में इंडस्ट्री की मांग के अनुसार वर्ल्ड क्लास एजुकेशन देने का काम करेगा। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि अरविंद केजरीवाल जी के नेतृत्त्व में केजरीवाल सरकार दिल्ली के हर बच्चे को वर्ल्ड-क्लास हाई एजुकेशन देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली में हर साल 2.5 लाख बच्चे 12वीं पास करके निकलते है, लेकिन सीटों की कमी के कारण उनमें से मात्र 1 लाख बच्चे ही किसी यूनिवर्सिटी में दाखिला ले पाते हैं। डीएसईयू इसके विकल्प के रूप में उभरा है। जहां हर साल हजारों युवाओं को स्किल कोर्सेज में दाखिला मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि डीएसईयू भारत का सबसे तेजी से बढ़ने वाला विश्वविद्यालय है और भारत में स्किल एजुकेशन को दोबारा परिभाषित करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि भारत में स्किल एजुकेशन को हमेशा करियर के अंतिम अवसर के रूप में देखा गया है। लेकिन डीएसईयू इस मानसिकता को बहुत जिम्मेदारी से बदल रहा है और स्किल एजुकेशन को ‘मैटर ऑफ़ प्राइड’ बना दिया है।
श्री सिसोदिया ने कहा कि आज डीएसईयू में दो नए और अनूठे कोर्स बीएससी डायलिसिस टेक्नोलॉजी व बीएससी इमरजेंसी मेडिकल टेक्नोलॉजी शुरू किए जा रहे हैं। जिसमें हर साल 120 स्टूडेंट्स को एडमिशन दिया जाएगा। यहां स्टूडेंट्स तीन साल के लिए बीएससी में एडमिशन ले सकते हैं। साथ ही इस प्रोग्राम के तहत स्टूडेंट्स को मौका दिया जाएगा कि वे 1 साल का सर्टिफिकेट या 2 साल का डिप्लोमा भी कर सकते है। उन्होंने कहा कि यहां से स्टूडेंट्स के लिए हेल्थकेयर सेक्टर में रोजगार के कई अवसर उपलब्ध होंगे। डीएसईयू में इन कोर्सेज को इंडस्ट्री की मांग व स्टूडेंट्स की रूचि के अनुसार डिजाइन किया गया है ताकि कोरोना के बाद प्रोफेशनल हेल्थकेयर वर्कर्स की जो मांग बढ़ी है उसे पूरी किया जा सके।
कालकाजी विधायक आतिशी ने कहा कि केवल दो सालों में डीएसईयू ने खुद को सबसे प्रमुख स्टेट यूनिवर्सिटी में से एक के रूप में स्थापित किया है। दिल्ली के लोगों को वर्ल्ड क्लास स्किल एजुकेशन प्रदान कर रही है। कोरोना की दूसरी लहर में दिल्ली के साथ-साथ पूरा देश हेल्थकेयर प्रोफेशनल की कमी से जूझ रहा था, उसको देखते हुए सेंटर फॉर हेल्थकेयर एलाइड मेडिकल एंड पैरामेडिकल साइंसेज जैसे प्रोग्राम की आवश्यकता महसूस हुई। उन्होंने बताया कि आज भारत में हर 10 हजार लोगों पर केवल 44 हेल्थकेयर प्रोफेशनल उपलब्ध हैं, जो डब्ल्यूएचओ द्वारा स्थापित किए गए मानकों का केवल 25 फीसदी है। मुझे विश्वास है कि आने वाले समय में इस सेंटर से बड़ी संख्या में प्रोफेशनल हेल्थकेयर एक्सपर्ट्स निकलेंगे जो न केवल दिल्ली में बल्कि पूरे देश में स्वास्थ्य मानकों को बेहतर बनाने का काम करेंगे।
उल्लेखनीय है कि डीएसईयू व अपोलो मेडस्किल्स लिमिटेड के पार्टनरशिप के साथ डीएसईयू ओखला-II कैंपस में शुरू किया गया सेंटर फॉर हेल्थकेयर, एलाइड मेडिकल एंड पैरामेडिकल साइंसेज स्टूडेंट्स को इंडस्ट्री एलाइनड करियर डेवलपमेंट में सपोर्ट व ट्रेनिंग देगा। इसके तहत डीएसईयू द्वारा दो नए स्नातक कार्यक्रम – बीएससी डायलिसिस टेक्नोलॉजी व बीएससी इमरजेंसी मेडिकल टेक्नोलॉजी सहित और कई डिग्री, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट प्रोग्राम शुरू किए जाएंगे। जहां हर साल 500 से अधिक स्टूडेंट्स को एडमिशन मिलेगा। सेंटर फॉर हेल्थकेयर, एलाइड मेडिकल एंड पैरामेडिकल साइंसेज प्रोग्राम में इस सत्र के एडमिशन 2022 से शुरू हो चुके हैं।
इस मौके पर दिल्ली स्किल एंड एंत्रप्रेन्योरशिप यूनिवर्सिटी की उपकुलपति प्रो. निहारिका वोहरा ने कहा कि पिछले कई सालों में हेल्थकेयर सेक्टर में स्किल्ड लोगों की मांग काफी बढ़ी है। अपोलो मेडस्किल्स के साथ इस साझेदारी के माध्यम से, डीएसईयू दो स्नातक कार्यक्रम शुरू कर रहा है। इस साझेदारी ने हमें अपने नए कार्यक्रमों के लिए करिकुलम डेवलपमेंट पर बारीकी से काम कर रहे हेल्थकेयर और पैरामेडिकल साइंसेज के एक्सपर्ट्स को साथ लाने व उनसे जुड़ने का मौका दिया है। ये हमारे लिए सम्मान की बात है कि कई प्रतिष्ठित बड़े अस्पताल स्टूडेंट्स को ट्रेनिंग देने के आगे आ रहे हैं।
अपोलो मेडस्किल्स के सीईओ डॉ. श्रीनिवास राव ने कहा कि आज भारत में दुनिया की सबसे बड़ी वर्कफ़ोर्स है लेकिन फिर भी हेल्थकेयर सेक्टर की मांग को पूरा करने के लिए स्किल्ड लोगों की कमी है। सेंटर फॉर हेल्थकेयर, एलाइड मेडिकल एंड पैरामेडिकल साइंसेज इसका समाधान बनेगा व इससे भविष्य में स्टूडेंट्स के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि सेंटर फॉर हेल्थकेयर, एलाइड मेडिकल एंड पैरामेडिकल साइंसेज हेल्थकेयर सेक्टर में करियर बनाने के इच्छुक युवाओं के लिए एक्सीलेंस का सेंटर है। यह सेंटर नॉलेज व टेक्नोलॉजी के माध्यम से हेल्थकेयर सिस्टम में मौजूदा डिमांड व सप्लाई के इस गैप को पाटने का काम करेगा।