हरियाणा

अवैध हथियार रखने वालो पर पुलिस की नजर, 11 माह 15 दिन में 32 आरोपी काबू, भारी मात्रा में अवैध असला बरामद

कुरुक्षेत्र (संजय गुप्ता)। जिला पुलिस द्वारा पुलिस अधीक्षक श्री वरुण सिंगला के मार्ग-निर्देश में अवैध हथियार रखने वालो पर सख्ती से कारवाई की जा रही है । अवैध हथियारों के साथ अपराधी गम्भीर अपराधो को अंजाम देते हैं । ऐसे अपराधियों के खिलाफ जिला पुलिस ने कड़े कदम उठायें हैं जो अवैध हथियार रखतें हैं या हथियारों के साथ अपराध करतें हैं । इसलिए ऐसे अपराधियों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है तथा समय-समय पर स्पेशल अभियान चलाकर अवैध हथियार रखने वालो पर शिकंजा कसा जाता है । पुलिस अधीक्षक द्वारा सभी थाना प्रभारियों को आदेश जारी किये हुए हैं कि अवैध असला रखने वालो पर कड़ी निगरानी रखी जाये ।

11माह 15 दिन में 32 मामले दर्ज कर 60 आरोपियों को किया गिरफ्तार 

जानकारी देते हुए पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि जिला पुलिस ने वर्ष 2024 के 11 महीनो में 32 मामले दर्ज कर उनमे शामिल 60 आरोपियों को सलाखों के पीछे भेजा है । इन आरोपियों से 19 देसी कट्टे, 14 देसी पिस्टल, 02 देसी रिवाल्वर व 154 कारतूस बरामद करने में सफलता हासिल की है ।

सोशल मीडिया पर हथियारों का प्रदर्शन पड़ सकता है भारी: वरुण सिंगला

            पुलिस अधीक्षक कुरुक्षेत्र श्री वरुण सिंगला ने कहा कि जहां अवैध असला रखना कानूनन अपराध है वहीं रुतबा दिखाने के लिए लाईसेंसशुदा हथियारों के साथ सोशल साईट्स फेसबुक, व्हाट्सएप और ट्विटर पर फोटो टैग करना भी भारी पड सकता है । पुलिस ऐसे व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार करेगी और इसके साथ ही उसके शस्त्र लाइसेंस को रद्द करवाने की कार्रवाई भी शुरू होगी।

पुलिस अधीक्षक ने कहा कि सार्वजनिक तौर पर हथियारों का प्रदर्शन करना प्रतिबंधित है। उन्होंने बताया कि शिकायत होने पर हथियार के साथ फोटो अपलोड करने वालों को तीन साल तक जेल की सलाखों के पीछे रहना पड़ सकता है और भारी भरकम जुर्माना भी अदा करना पड सकता है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि हथियार भले ही लाइसेंसी हो लेकिन उसका सार्वजनिक प्रदर्शन पूरी तरह से गैर कानूनी है। ऐसा करना असला लाइसेंस जारी करने के लिए तय शर्तों के उल्लंघन एवं असले के दुरुपयोग की परिधि में आता है। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि सोशल मीडिया पूरी तरह से सार्वजनिक मंच है। लिहाजा वहां हथियारों के साथ फोटो पोस्ट करना सार्वजनिक प्रदर्शन के दायरे में आता है। ऐसा करने वाले के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करने का प्रावधान है।

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