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उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने सील हुई संपत्तियों को डि-सील करने की प्रक्रिया शुरू की

नई दिल्ली । दिल्ली सरकार ने लापरवाही और व्यापारियों एवं मध्यमवर्गीय परिवारों के प्रति विरोधी रवैया होने के कारण आज तक निगरानी समिति द्वारा सील किए गए संपत्तियों को लेकर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की, वहीं भारतीय जनता पार्टी दिल्ली प्रदेश और भाजपा शासित नगर निगम ने आज से सील किए गए संपत्तियों को डी-सील करना प्रारंभ किया है। इस संदर्भ में आज दिल्ली भाजपा अध्यक्ष  आदेश गुप्ता ने प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता को संबोधित किया। इस अवसर पर उत्तरी दिल्ली नगर निगम महापौर  जय प्रकाश, पूर्वी दिल्ली नगर निगम महापौर  निर्मल जैन, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम उपमहापौर  सुभाष भड़ाना, मीडिया प्रमुख  नवीन कुमार प्रदेश प्रवक्ता  यासिर जिलानी एवं  आदित्य झा उपस्थित थे।

वीरवार सुबह दिल्ली भाजपा अध्यक्ष  आदेश गुप्ता ने आज राष्ट्रीय प्रवक्ता सरदार आर पी सिंह, उत्तरी दिल्ली नगर निगम महापौर जय प्रकाश, प्रदेश उपाध्यक्ष  राजन तिवारी, मीडिया प्रमुख  नवीन कुमार, करोल बाग जिला अध्यक्ष  राजेश गोयल के साथ डब्ल्यू जेड 123 टोडापुर गांव, मेन रोड की संपत्ति को डी-सील कर दिल्ली में निगरानी समिति द्वारा सील की गई संपत्तियों को खुलवाने का अभियान शुरू किया।

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष  आदेश गुप्ता ने कहा कि आज बहुत ही हर्ष का दिन है, क्योंकि भाजपा शासित तीनों नगर निगमों के द्वारा निगरानी समिति द्वारा सील की गई संपत्तियों को डी-सील करने का अभियान आज से शुरू कर दिल्ली की जनता को बहुत बड़ी राहत दी गई है। उन्होंने बताया कि आज जब टोडापुर गांव की संपत्ति डी-सील की जा रही थी तब संपत्ति के मालिक के चेहरे पर खुशी साफ झलक रही थी। नगर निगम को यह निर्देश दिए गए हैं कि दिवाली से पहले सभी सील की गई संपत्तियों को डी-सील किया जाए। अफसरशाही को कम करने के लिए एक जोन में जितनी भी संपत्तियां सील हुई है उसके लिए एक ही फाइल बनेगी, उसी के निर्देश होंगे और सारी संपत्तियां डी-सील होंगी। पिछले वर्षों में निगरानी समिति द्वारा गलत तरीके से बहुत सी संपत्तियों को सील किया गया, उस समय प्रदेश अध्यक्ष रहे श्री मनोज तिवारी जी के नेतृत्व में दिल्ली भाजपा ने लगातार अपना विरोध दर्ज कराया जिसके कारण उन्हें सुप्रीम कोर्ट भी जाना पड़ा था। दिल्ली भाजपा लगातार दिल्ली के व्यापारियों, निवासियों के हितों के लिए संघर्ष करती आई है जिसका सुखद परिणाम है कि पूरी दिल्ली के अंदर तीनों नगर निगमों के अंतर्गत आने वाली लगभग 3,000 संपत्तियों को डी-सील किया जा रहा है और उनके प्रमाण पत्र भी दिए जा रहे हैं।

श्री गुप्ता ने कहा कि निगरानी समिति ने जब संपत्तियों को सील करने का काम शुरू किया था तो लोगों को बहुत सी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। दिल्ली सरकार ने भी भाजपा शासित नगर निगम की छवि को खराब करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में सीलिंग के पक्ष में ही अपना बयान दर्ज कराया था, और यह सोचकर राजनीति करते थे कि इसका खामियाजा भाजपा को भुगतना पड़ेगा क्योंकि उन्हें उन लोगों की चिंता नहीं थी जिन्हें सीलिंग की वजह से अपने घर से, रोजगार से दूर होना पड़ा था। उन्होंने कहा कि दिल्ली के लोगों के प्रति दिल्ली भाजपा की जो जिम्मेदारी है उसका निर्वहन करने के लिए जो मेहनत की गई है वह रंग लाई है और डी-सीलिंग का अभियान आज से शुरू हो चुका है। आने वाले समय में रोजगार की दिशा में व्यापारियों के लिए अच्छा अवसर आएगा और नगर निगम उसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने बताया कि जिन लोगों की संपत्तियां डीसील हो रही है उसे दिल्ली भाजपा शुभकामना संदेश भी भेजेगी।

 

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