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नई शराब नीति में नियम-कायदों का रखा जाए ध्यान : बिधूड़ी

नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने केजरीवाल सरकार को आगाह किया है कि वह अगले साल के लिए दिल्ली की नई शराब नीति बनाने से पहले योजनाकारों और लीगल विभाग से विधिवत् सलाह ले। शराब नीति के कारण उसकी जो छीछालेदार हो रही है, वह किसी चुनी हुई सरकार के लिए उचित नहीं है। उन्होंने कहा है कि अगर सरकार ने शराब नीति में नियम-कायदों का उल्लंघन किया तो भाजपा इसे बर्दाश्त नहीं करेगी।
बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली सरकार ने राजधानी की नई शराब नीति बनाते वक्त जानबूझ कर नियम-कायदों का उल्लंघन किया। मास्टर प्लान के तहत नॉन-कन्फर्मिंग और आवासीय इलाकों में शराब के ठेके नहीं खोले जा सकते। इसी वजह से दिल्ली सरकार की नई शराब नीति के तहत 849 में से 649 ठेके ही खुल पाए हैं। इनमें से भी बड़ी तादाद में ठेके मास्टर प्लान का उल्लंघन करके खोले गए हैं। भाजपा के विरोध के कारण ही मास्टर प्लान का उल्लंघन करके नॉन-कन्फर्मिंग एरिया में खोले गए शराब के कई ठेके सील हुए हैं। अब सरकार नए साल के लिए शराब नीति मंजूर करते वक्त नॉन कनफर्मिंग एरिया में शराब के ठेके खोलने से तौबा कर रही है लेकिन इसी से काम नहीं चलेगा। बिधूड़ी ने कहा कि इस वक्त शराब के जो ठेके नॉन-कन्फर्मिंग और आवासीय इलाकों में चल रहे है, उन्हें भी तत्काल बंद कराया जाए।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि भाजपा पहले से ही हर निगम वार्ड में शराब के ठेके खोलने का विरोध करती आ रही है क्योंकि दिल्ली में कम से कम 100 वार्ड ऐसे हैं जहां ऐसी कमर्शियल रोड्स उपलब्ध ही नहीं हैं जहां शराब के ठेके खोले जा सकें। सरकार को भी पहले से यह जानकारी थी लेकिन नियमों को ताक पर रखकर शराब के ठेके खोलने का फैसला किया। अब उन्हें यह फैसला वापस लेना पड़ा है।
बिधूड़ी ने कहा कि अब सरकार फिर से गलती करते हुए 5000 वर्ग फुट जगह पर ही शराब के ठेके खोलने की शर्त लगा रही है। दिल्ली में अधिकतर कमर्शियल इलाकों में किसी के पास इतनी जगह उपलब्ध नहीं है। इतनी जगह तो मॉल या शॉपिंग काम्पलैक्स में ही मिल सकती है। नए ठेकों में शराब चखने की अनुमति का भी प्रस्ताव किया गया है जो कानूनी रूप से गलत है। ऐसी व्यवस्था ठेकों में नहीं बल्कि सिर्फ बार लाइसेंस के तहत ही की जा सकती है। शराब चखने जैसी सुविधा देने से तो हर ठेके पर शराब पीने वालों का जमघट लगेगा और जगह-जगह शराब के अड्डे बन जाएंगे। पहले ही छोटी उम्र के लोगों को शराब बेची जा रही है, इस सुविधा से तो चखने के नाम पर वहीं मयखाने खुल जाएंगे।
बिधूड़ी ने सरकार को सलाह दी है कि शराब नीति बनाने से पहले वह दिल्ली सरकार के लीगल विभाग के अलावा नगर निगम के टाउन प्लानर, डीडीए के कमिश्नर (प्लानिंग) और दिल्ली पुलिस कमिश्नर से भी बात करे ताकि उसे जानकारी रहे कि शराब के ठेके कहां खोले जा सकते हैं और वहां क्या-क्या सुविधा दी जा सकती है। अगर केजरीवाल सरकार ने शराब नीति के तहत दिल्ली को बर्बाद करने की योजना नहीं बदली तो भाजपा अपना विरोध और जोरदार तरीके से करेगी।

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