निवेश में आ रही अड़चनों को दूर कर प्रोजेक्ट्स की समयबद्धता सुनिश्चित करें : अशोक गहलोत
जयपुर । मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश में निवेश में आ रही अड़चनों को दूर कर नए प्रोजेक्ट्स समयबद्ध तरीके से शुरू हों यह सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि पिछले दो साल में राज्य सरकार ने प्रदेश में निवेश बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण नीतियां एवं कार्यक्रम लागू किए हैं। राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना (रिप्स-2019), राजस्थान इंडस्ट्रियल डवलपमेंट पॉलिसी- 2019, वन स्टॉप शॉप प्रणाली एवं सिंगल विंडो सिस्टम के माध्यम से उद्यमियों एवं निवेशकों को कई तरह की सुविधाएं दी जा रही हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश में निवेश बढ़ाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएं।
श्री गहलोत गत सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से राजस्थान उद्यम एकल खिड़की सामथ्र्यकारी और अनुज्ञापन (संशोधन) अधिनियम 2020 के अंतर्गत गठित विनिधान बोर्ड (बोर्ड ऑफ इन्वेस्टमेंट) की पहली बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने पर्यटन नीति बनाई है। इस बार बजट में 500 करोड़ रूपए का आवंटन पर्यटन विकास कोष के लिए किया गया है। यह राशि प्रदेश की ट्यूरिस्ट डेस्टिनेशन के तौर पर ब्रांडिंग करने तथा पर्यटन की आधारभूत संरचना के विकास एवं निवेश पर खर्च की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि उद्योग एवं निवेश से जुड़े विभाग पर्यटन विभाग के साथ मिलकर कार्य-योजना बनाएं एवं प्रदेश में पर्यटन के क्षेत्र में निवेश बढ़ाने के लिए कार्य करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर तथा दिल्ली-मुंबई फ्रेट कॉरिडोर से लगते हुए क्षेत्रों के विकास तथा गैस ग्रिड का काम तेजी से पूरा किया जाए।
बैठक में उद्यमों को पैकेज, रियायत, छूट तथा अन्य सुविधाओं के संबंध में आए प्रस्तावों को बोर्ड द्वारा मंजूरी दी गई। इसके अलावा रिप्स-2019 के तहत विशेष सुविधा पुंज की मांग के संबंध में प्रस्तावों को भी मंजूरी दी गई।
उल्लेखनीय है कि वन स्टॉप शॉप प्रणाली के अंतर्गत निवेश प्रस्तावों को त्वरित स्वीकृति एवं अनुमति प्रदान करने के उद्देश्य से गठित इस बोर्ड के अध्यक्ष मुख्यमंत्री हैं जबकि उद्योग मंत्री इसके उपाध्यक्ष हैं।
बैठक में ऊर्जा एवं पीएचईडी मंत्री डॉ. बीडी कल्ला, उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा, राजस्व मंत्री हरीश चौधरी, मुख्य सचिव निरंजन आर्य, अतिरिक्त मुख्य सचिव खान सुबोध अग्रवाल, रीको के चेयरमैन कुलदीप रांका, प्रमुख शासन सचिव वित्त अखिल अरोरा, रीको के एमडी आशुतोष एटी पेडणेकर सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में आयुक्त उद्योग एवं निवेश संवर्धन ब्यूरो श्रीमती अर्चना सिंह ने विभिन्न निवेश प्रस्तावों के बारे में प्रस्तुतीकरण दिया।