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सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति शबीहुल हसनैन को दिल्ली विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष पद की शपथ दिलाई

नई दिल्ली। दिल्ली के उर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने गुरुवार को उर्जा विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारीयों की उपस्थिति में न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) शबीहुल हसनैन को दिल्ली विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष पद की शपथ दिलाई। सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति हसनैन ने सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति सत्येंद्र चौहान का स्थान लिया है, जो 04 जुलाई को दिल्ली विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। शपथ ग्रहण समारोह के बाद शबीहुल हसनैन ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की और विभाग के कार्यों पर चर्चा की।
इस अवसर पर सत्येंद्र जैन ने कहा कि हमें विश्वास है कि सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति शबीहुल हसनैन के नेतृत्व में हम उर्जा क्षेत्र में नई ऊंचाइयां हासिल करेंगे। शबीहुल हसनैन ने अध्यक्ष पद की शपथ के बाद कहा कि दिल्ली सरकार ने जन-उन्मुख नीतियों के साथ उर्जा क्षेत्र में जो हासिल किया है, वह वास्तव में उल्लेखनीय है।
बीते शनिवार को सीएम अरविंद केजरीवाल ने सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति शबीहुल हसनैन के नाम को दिल्ली विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष पद के लिए मंजूरी दी थी। इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मुनीश्वर नाथ भंडारी ने दिल्ली विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष पद के लिए उनकी पुरजोर सिफारिश करते हुए कहा था, “वह संस्था के लिए एक बड़ी संपत्ति होंगे।” उन्होंने 12 साल से अधिक समय तक चली इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ में शानदार न्यायिक सेवा के आधार पर सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति शबीहुल हसनैन का समर्थन किया था।
दिल्ली विद्युत नियामक आयोग का अध्यक्ष पद 4 जुलाई से खाली था, जब सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति सत्येंद्र चौहान इस पद से सेवानिवृत्त हुए थे। न्यायमूर्ति चौहान ने डीईआरसी के पहले इलाहाबाद उच्च न्यायालय में भी कार्य किया था।
सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति शबीहुल हसनैन ने मई 2008 से जनवरी 2020 तक इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के न्यायाधीश के रूप में कार्य कर चुके हैं। शबीहुल हसनैन ने उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य स्थायी वकील के रूप में भी कार्य किया है। उन्होंने यूपी डेवलपमेंट सिस्टम्स कॉरपोरेशन लिमिटेड के स्थाई वकील के पद पर भी काम किया है। वह ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती उर्दू-अरबी फ़ारसी विश्वविद्यालय के न्यायिक सदस्य भी थे और लखनऊ विश्वविद्यालय के मेडिकल कॉलेज के निर्वाचित कार्यकारी सलाहकार के रूप में भी काम किया है। शबीहुल हसनैन ने लखनऊ उच्च न्यायालय में 24 वर्षों से अधिक समय तक अधिवक्ता के रूप में वकालत की है। वह लखनऊ विश्वविद्यालय के राज्यपाल से मनोनीत कार्यकारी सदस्य भी हैं।
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