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नववर्ष में लें पिछली गलतियों को न दोहराने का संकल्प

नई दिल्ली। पुराना साल बीत गया और नया साल सामने है। इसका अर्थ है कि जिंदगी का एक भाग जो कम या अधिक हो सकता है बीत चुका है और शेष सामने है। क्या इस अवस्था या घटना को मामूली तौर पर लिया जा सकता है? नहीं न? जो बीत गया वो भी कई अर्थों में असाधारण था। उसमें जीत के क्षण थे तो हार के क्षण भी थे। ख़ुशी थी तो दुख भी था। क्या ये सभी बीते क्षण आगे वाले क्षणों के लिए महत्त्व नहीं रखते हैं? हर कथित अच्छा-बुरा क्षण हमारा शिक्षक है, प्रेरक है, मार्गदर्शक है, सचेतक है। किन क्षणों को दोहराना है किन को नहीं यह बहुत महत्त्वपूर्ण होता है। नए वर्ष में यदि हम चाहते हैं कि हमारे व्यक्तित्व में सकारात्मक परिवर्तन हो, हमारा स्वास्थ्य अच्छा रहे तथा लोग हमारे नजदीक आएं व हमसे प्यार करें तो कुछ अच्छे क्षणों को चुनकर उन्हें दोहराने व अन्य को त्यागने का संकल्प लेना अनिवार्य है।

सबसे पहले स्वास्थ्य को ही लीजिए। कुछ गलत आदतों को छोड़िए। धूम्रपान या मद्यपान या अन्य कोई बुरी लत। यदि बुरी लातों को छोड़ना है तो अच्छी आदतों को अपनाना भी जरूरी है। प्राकृतिक भोजन पर आइए। फास्ट फूड छोड़िए, स्लो फूड अपनाइए। आर्गेनिक फूड को प्राथमिकता दीजिए। कृत्रिम परिवेश को बदलने का प्रयास कीजिए। घर में फूलों के पौधे लगाइए। उनकी स्वयं देख-भाल कीजिए। व्यायाम कीजिए। व्यायाम के साथ-साथ ध्यान अथवा मैडिटेशन कीजिए। दिन में कुछ समय मौन के लिए निर्धारित कीजिए। सप्ताह अथवा महीने में एक दिन पूरी तरह से मौन का पालन कीजिए। अपनी किसी हॉबी के लिए समय निकलिए। अपनी सर्जनात्मकता के विकास के लिए कुछ न कुछ नया करने का संकल्प लीजिए। यदि जीवन में कोई भी स्पष्ट लक्ष्य नहीं है तो कम से कम एक लक्ष्य अवश्य निर्धारित कीजिए।

अपने व्यवसाय या सेवा में सुधार के लिए कोई प्रशिक्षण लीजिए। कोई सेमिनार या वर्कशॉप कीजिए। कोई अच्छी सी प्रेरणास्पद पुस्तक पढ़कर उसे अमल में लाने का प्रयास कीजिए। अपने लिए ही नहीं दूसरों के बारे में भी सोचिए। घर-परिवार के सदस्यों के लिए समय निकालिए। बच्चों के साथ खेलिए। उन्हें घुमाने ले जाइए। माता-पिता या दादा-दादी के साथ बैठकर गप्पें मारिए। वो जो कहना चाहें उसे सुनिए। परिवार के सभी सदस्यों के साथ बाहर घूमने या पिकनिक मनाने जाइए। उनके लिए कोई उपयोगी सा उपहार लाकर दीजिए। पति-पत्नी एक दूसरे की गलतियों को नजरअंदाज कीजिए और अपनी किसी गलती को स्वीकार करते हुए क्षमायाचना कीजिए। उसे भविष्य में किसी भी कीमत पर न दोहराने का संकल्प लीजिए।

घर में ही नहीं घर के बाहर भी कुछ अच्छा कीजिए। किसी को उसकी गलती के लिए क्षमा कीजिए और स्वयं की गलतियों के लिए क्षमा मांगिए। अपने विरोधियों के लिए सच्चे मन से प्रार्थना कीजिए। किसी की सच्चे मन से सहायता कीजिए अथवा दान दीजिए। परिंदों के लिए किसी सुरक्षित स्थान पर दाना-पानी रखिए। किसी निर्बल, अशक्त अथवा साधनहीन की मदद कीजिए, उसके चेहरे पर संतुष्टि के भाव लाने का प्रयास कीजिए। किसी अच्छी बात को अवश्य दोहराने का संकल्प लें, उसे दोहराएं। हर क्षण ये संकल्प लें कि मुझे हर हाल में अगले क्षण को बेहतर बनाना है। कोई भी संकल्प न लें तो कम से कम पिछली गलतियों को न दोहराने का संकल्प अवश्य ही लें। मात्र इससे ही आने वाला साल या समय अवश्य ही अच्छा हो जाएगा, संवर जाएगा।

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