स्थानीय

दिल्ली पुलिस अधिकारियों को यौन उत्पीडऩ विरोधी कानून पर प्रशिक्षण

नई दिल्ली। महिला समानता दिवस 2021 को मनाने के लिए, केंद्रीय जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण, दिल्ली राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण और राष्ट्रीय विधिक सेवाएं प्राधिकरण के तत्वावधान में, दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के लिए ‘यौन उत्पीडऩ के खिलाफ कानून’ पर प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया। यह केंद्रीय जिला विधिक सेवाएं, दिल्ली पुलिस और डब्ल्यू.आई.सी.सी.आई. की एक संयुक्त पहल थी जिसमें केंद्रीय जिला, उत्तरी जिला और केंद्रीय कारागार के सभी रैंक के 300 पुलिस अधिकारी शामिल थे।
सचिव, केंद्रीय जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण नीति सूरी मिश्रा ने विवेकानंद के शक्तिशाली शब्दों के साथ सत्र की शुरुआत की। ‘दुनिया के कल्याण के लिए कोई मौका नहीं है जब तक महिलाओं की स्थिति में सुधार नहीं होता है, एक पक्षी के लिए केवल एक पंख पर उडऩा संभव नहीं है’ और महिलाओं की सुरक्षा में सुधार के लिए केंद्रीय डी.एल.एस.ए. की पहल के बारे में सभी को अवगत कराया। डी.एस.एल.एस.ए की अतिरिक्त सचिव नम्रता अग्रवाल ने अपने विशेष संबोधन में यौन उत्पीडऩ के खिलाफ कानूनों के प्रति जागरूकता और संवेदनशीलता के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने 1516 हेल्पलाइन सेवा के बारे में भी जानकारी दी और लिंग आधारित हिंसा से निपटने के लिए डी.एस.एल.एस.ए की पहल के बारे में जानकारी दी।
अंजू कपूर, एडवोकेट और राष्ट्रीय अध्यक्ष यौन उत्पीडऩ परिषद, डब्ल्यूआईसीसीआई ने महिलाओं के यौन उत्पीडऩ (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम 2013 पर एक विस्तृत प्रशिक्षण सत्र दिया। केस स्टडी की मदद से जांच के सभी चरणों में पुलिस कर्मियों की भूमिका और जिम्मेदारियों के बारे में विस्तृत चर्चा हुई। सुश्री भावना गांधी, केंद्रीय डी.एल.एस.ए की कानूनी शोधकर्ता और यौन उत्पीडऩ परिषद, डब्ल्यूआईसीसीआई की राष्ट्रीय सदस्य, ने अंत में अतिरिक्त सचिव डीएसएलएसए नम्रता अग्रवाल, डीसीपी केंद्रीय दिल्ली : जसमीत सिंह, डीसीपी उत्तरी दिल्ली एंटो अलफांसो, अधीक्षक तिहाड़ नीरजा एवं सभी एसएचओ को प्रशिक्षण कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए धन्यवाद दिया ।
यौन उत्पीडऩ के पीड़ितों को अपराध के बारे में सबसे स्पष्ट, सबसे पूर्ण जानकारी प्रदान करने में सक्षम बनाने के लिए, यह सुनिश्चित करने के प्रयास किए जाने चाहिए कि सभी पीड़ितों के साथ पुलिस अधिकारियों द्वारा पेशेवर और सम्मान के साथ व्यवहार किया जाए। इसलिए, पुलिस अधिकारियों को संवेदनशील बनाने के लिए नियमित आधार पर ऐसी कार्यशालाओं का आयोजन जान चाहिए। केंद्रीय जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण एक समावेशी, न्यायसंगत और समान दुनिया के निर्माण के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए अथक प्रयास कर रही है, जिसमें सभी लिंग समृद्ध हो सकें और एक सम्मानजनक जीवन जी सकें।

Translate »