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रेंटेड कमर्शियल संपत्ति कर की दरों में कमी का फैसला भाजपा का चुनावी हथकंडा : दीपक गर्ग

नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम की नीतियां हमेशा से ही जनविरोधी विशेष तौर पर व्यापारियों के हितों पर कुठाराघात करने वाली रही हैं। जिसके चलते दिल्ली के व्यापारी हमेशा ही निगम की नीतियों से त्रस्त रहे हैं। यह कहना है आप टे्रड विंग के प्रदेश संगठन सचिव दीपक गर्ग का। उन्होंने बताया कि दिल्ली नगर निगम द्वारा हाल ही में जारी एक और तुगलकी फरमान ने व्यापारियों को परेशानी में डाल दिया है। इस तुगलकी फरमान के अनुसार निगम द्वारा रेंटेड कमर्शियल प्रोपर्टी पर प्रोपर्टी टैक्स की दरों को दोगुना किये जाने के फैसले को फिलहाल वापस ले लिया है।
जारी किये गए नये फरमान के अनुसार जिन दुकानदारों ने अभी तक अपनी रेंटेड कमर्शियल संपत्ति का प्रोपर्टी टैक्स जमा नहीं करवाया है वे पुरानी दरों से ही अपना प्रोपर्टी टैक्स जमा करवा सकते हैं। लेकिन जो दुकानदार नई दरों के हिसाब से अपना प्रोपर्टी टैक्स जमा करवा चुके हैं, उन्हें न तो अधिक जमा करवाई गई राशि वापस मिलेगी और न ही अधिक जमा हुआ पैसा अगले वर्ष के प्रोपर्टी टैक्स में समाहित किया जाएगा।
श्री गर्ग ने बताया कि दिल्ली नगर निगम द्वारा गत वित्तीय वर्ष से ही रेंटेड कमर्शियल संपत्ति पर संपत्ति कर की दरों को दोगुना कर दिया गया था। जिसके चलते कोरोना महामारी के कारण पहले से ही आर्थिक संकट से जूझ रहे दुकानदारों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ गया था। उन्होंने बताया कि आम आदमी पार्टी द्वारा निगम के इस जनविरोधी फैसले का जोरदार विरोध किया गया था जिसके बाद चुनाव को सामने देख निगम में सत्तासीन भाजपा नेताओं ने दुकानदारों को लुभाने के लिए बढ़ाए गये संपत्ति कर के फैसले को वापस लेने का ढकोसला किया है। श्री गर्ग ने यह भी कहा कि निगम का यह फैसला केवल वर्तमान वित्त वर्ष यानी कि 31 मार्च 2022 तक ही लागू रहेगा।
उन्होंने कहा कि वास्तविकता तो यह है कि दिल्ली के अधिकांश किरायेदार, दुकानदार निगम द्वारा बढ़ाये गए प्रोपर्टी टैक्स के अनुसार पहले ही अपना संपत्ति कर जमा करवा चुके हैं। ऐसे में अब निगम के इस फैसले का कोई औचित्य नहीं बचा है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी ट्रेड विंग निगम से यह मांग करती है कि बढ़ाये गए संपत्ति कर के अनुसार जो दुकानदार अपना संपत्ति कर जमा करवा चुके हैं उनकी अतिरिक्त राशि का तुरंत रिफंड किया जाये और वृद्धि वापस लेने के फैसले को स्थायी रूप से लागू किया जाये।
श्री गर्ग ने यह भी कहा कि निगम का यह फैसला निगम में सत्तासीन भाजपा का केवल और केवल चुनावी हथकंडा है। लेकिन दिल्ली की जनता व व्यापारी भाजपा के असली चरित्र को समझ चुके हैं और आगामी निगम चुनाव में भाजपा को निगम से बाहर कर आम आदमी पार्टी को सत्ता में लाने का मन बना चुके हैं।

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