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चलो घंटी बजी स्कूल की

देश के अनेक राज्यों में शैक्षणिक संस्थान खोल दिए गए हैं जो कि बहुत ही हर्ष का विषय है।कोरोना महामारी के चलते पहले ही शिक्षा का स्तर काफी नीचे गिर गया है ,जिसको वापस ठर्रे पर लाना होगा।हमारे नौनिहालों का बहुत ही अधिक नुकसान हो चुका है जिसकी भरपाई करने में ना जाने अब कितना वक्त लगेगा। माना कि ऑनलाइन शिक्षण अधिगम प्रक्रिया द्वारा शिक्षक और बच्चों ने बहुत ही धैर्य के साथ शिक्षा के क्षेत्र में अपनी जिम्मेदारी निभाई है परंतु ऑनलाइन शिक्षण कभी भी ऑफलाइन शिक्षण अधिगम प्रक्रिया का स्थान नहीं ले सकता।
यह हम सब जानते हैं कि ऑनलाइन शिक्षा कभी भी ऑफलाइन शिक्षा की विकल्प नहीं हो सकती।खुले वातावरण में फेस टू फेस एक दूसरे को कहना और सुनना समझना इन सब चीजों का स्थान कंप्यूटर शिक्षण कभी नहीं ले सकता। शिक्षा के क्षेत्र में टेक्नोलॉजी का अपना अलग महत्व है परंतु टेक्नोलॉजी भी तो तभी कारगर सिद्ध होती है जब उस टेक्नोलॉजी को प्रयोग सही तरीके से किया जाए और समझने समझाने वाले लोग एक दूसरे के समक्ष विचार विनिमय कर सकें और अपनी समस्याओं को एक दूसरे की सहायता से समझ कर सुलझा सकें
दिल्ली में भी 14 फरवरी 2022 से एक बार फिर से स्कूल खुल गए हैं ।गौरतलब है कि 7 फरवरी 2022 से कक्षा नौवीं से बारहवीं तक के स्कूल पहले ही खोले जा चुके हैं क्योंकि इस उम्र के अधिकतर बच्चों को वैक्सीन की सुविधा दी जा चुकी है इसलिए उन्हें संक्रमण का खतरा ना के बराबर है।
हम सभी जानते हैं कि अब वायरस कोरोना का असर काफी कम पड़ रहा है किंतु फिर भी हमें सतर्क रहने की उतनी ही आवश्यकता है ।परिस्थिति बदलते देर नहीं लगती इसलिए सामाजिक दूरी का अभी भी हम सभी को पालन करना होगा,समय-समय पर साबुन से अच्छे तरीके से हाथ धोने होंगे और सेनेटाइजर का प्रयोग भी नियमित रूप से करना होगा ताकि हमारी पिछले 2 सालों की मेहनत खराब ना होने पाए जब हमने इनसे नियमों का सख्ती से पालन किया और कोरोना वायरस पर काफी हद तक जीत हासिल करने का प्रयास भी किया जिसका असर आज भी देखा जा सकता है। उन्हीं प्रयासों की वजह से आज कोरोना वायरस का असर कम होता दिख रहा है। यह तो हम सभी जानते हैं कि हमने बहुत ही मेहनत और अथक प्रयासों से यह मुकाम हासिल किया है। अबे अब हमें और अधिक सतर्क और सावधान रहने की आवश्यकता है।
स्कूल आने वाले बच्चों को सुरक्षा संबंधी नियम समझाने के लिए,उन्हें प्रेरित और प्रोत्साहित करने हेतु, उन्हें संक्रमण से बचने के तरीकों से अवगत कराना होगा और व्यवहार में भी उन्हें सिखाना होगा कि किस प्रकार अब भी अच्छे से साबुन से बार-बार हाथ धोने चाहिएं एवं सामाजिक दूरी का पालन करते हुए सदैव मास्क पहनकर रहना चाहिए ।
शिक्षकों को भी अभी कुछ समय के लिए बच्चों को ग्रुप एक्टिविटीज से दूर रखकर ही शिक्षण अधिगम प्रक्रिया को आगे बढ़ाना चाहिए और यदि फिर भी बहुत आवश्यक हो तो छोटे-छोटे ग्रुप्स बनाकर इन गतिविधियों को अंजाम देना चाहिए।
दिल्ली सरकार हर संभव प्रयास कर रही है कि दिल्ली वासियों को हर प्रकार के संक्रमण से बचा कर रखे एवं सभी लोगों को स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं प्रदान करे।
एक तरफ यदि दिल्ली सरकार हमारे लिए इतना सोच रही है और ईमानदारी से इतने अधिक प्रयास कर रही है तो हम दिल्लीवासियों का भी फर्ज बनता है कि हम सरकार की इस मुहिम में उनका साथ दें एवं अपने बच्चों को अच्छी प्रकार से ट्रेंड कर और समझाने के पश्चात ही स्कूल भेजें एवं शिक्षा के स्तर को ऊंचा कर आगे बढ़ाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं। हम निसंदेह, हम सब के सामूहिक प्रयासों से ही शिक्षा का स्तर ऊंचा उठेगा और तब दिल्ली एक बेहतरीन शहर के रूप में सफलता की सीढ़ियां चढ़ेगी।

पिंकी सिंघल
अध्यापिका, शालीमार बाग दिल्ली

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