हरियाणा

एडीजीपी श्रीकांत जाधव भापुसे साहब के दिशानिर्देशों एवं मार्गदर्शन में नशे के विरुद्ध 101वां जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

करनाल। नशे के विरुद्ध जागरूकता कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए हरियाणा राज्य स्वापक नियंत्रण ब्यूरो के जागरूकता कार्यक्रम एवं पुनर्वास प्रभारी डॉ. अशोक कुमार वर्मा अपने साथी सेवानिवृत उप निरीक्षक कर्म चंद के साथ साइकिल चलाकर कुरुक्षेत्र से नीलोखेड़ी पहुंचे। उन्होंने अपने साइकिल के आगे फट्टियाँ लगाई हुई थी जिन पर लिखा था नशा एक बुराई है जीवन की सच्चाई है आदि। हरियाणा राज्य स्वापक नियंत्रण ब्यूरो प्रमुख एवं अंबाला मंडल के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्री श्रीकांत जाधव भापुसे साहब के दिशानिर्देशों मार्गदर्शन प्रेरणा और नेतृत्व में गांव स्तर तक नशे के विरुद्ध जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर युवाओं को नशे से दूर रहने के लिए जागरूक किया जा रहा है। इस कड़ी में आज राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय समाना बाहु में एक दिवसीय 101वां नशा विरोधी जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। विद्यालय की प्राचार्या रमा पूरी की अध्यक्षता में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। हरियाणा राज्य स्वापक नियंत्रण ब्यूरो के जागरूकता कार्यक्रम एवं पुनर्वास प्रभारी डॉ. अशोक कुमार वर्मा मुख्य वक्ता के रूप में पधारे हुए थे। उन्होंने विद्यार्थियों को नशे से दूर रहने के लिए जागरूक करते हुए कहा कि नशा कोई भी अच्छा नहीं है। नशा मनुष्य के मन और मस्तिष्क को खोखला कर देता है। उसके सोचने समझने की शक्ति समाप्त हो जाती है और धीरे धीरे वह नशा प्राप्त करने के लिए कोई भी अपराध कर सकता है।  विद्यार्थियों को नशे से दूर रहने का पाठ पढ़ाते हुए डॉ. वर्मा ने कहा कि हरियाणा का एक नारा था देसां में देश हरियाणा जहाँ दूध दही का खाना। आज हरियाणा में बढ़ रहे नशे के प्रचलन को देखते हुए हरियाणा राज्य स्वापक नियंत्रण ब्यूरो द्वारा एक गाना बनाया गया है- म्हारा हरियाणा नशा तै बचा कै राखियों न यो चिट्टा खा जागा या है काली नागिनी। कोई भी व्यक्ति अपने आप नशा करना नहीं सीखता है और न ही किसी व्यक्ति के माता पिता और गुरुजनों द्वारा उसे नशा करने की सीख दी जाती है। उन्होंने आगे कहा तो कौन है जो हमे नशे की लत में लगाता है। उन्होंने इस प्रश्न का उत्तर स्वयं देते हुए कहा कि जो व्यक्ति आपसे ईर्ष्या अथवा जलन रखता है और जो आपके विकास को देखकर प्रसन्न नहीं है वो ही हमे नशे की लत में लगाता है। यही स्थिति देश की होती है। कुछ देश भारत को उन्नति करते हुए ईर्ष्या करते हैं और यही कारण है कि इस देश में प्रतिबंधित नशा भेजा जा रहा है। इस नशे से जो धन आता है उस धन का प्रयोग आतंकवादी गतिविधियों में किया जाता है। प्रत्येक भारतीय का कर्तव्य है कि अपने देश को और विशेष रूप से युवा पीढ़ी को नशे से दूर रखने में योगदान दे। उन्होंने बताया कि ब्यूरो द्वारा 9050891508 एक हेल्पलाइन नंबर दिया गया है जिस पर नशा बेचने वाले लोगों की गुप्त सूचनाएं दी जा सकती हैं और साथ ही नशा छोड़ने वाले इस पर सम्पर्क करें। कार्यक्रम के अंत में सभी शिक्षकों और विद्यार्थियों ने जीवन में नशा न करने की शपथ ली गई।

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