हरियाणा

वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप जयंती पर 404वां स्वैच्छिक रक्तदान शिविर आयोजित

कुरुक्षेत्र। शौर्य के प्रतीक अडिग साहसी वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप जयंती पर लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल में 404वां स्वैच्छिक रक्तदान शिविर और महाराणा प्रताप का यशगान कार्यक्रम आयोजित कर उनसे श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए. यह शिविर राष्ट्रपति पुलिस पदक से विभूषित, राष्ट्रीय स्वर्ण पदक विजेता, डायमंड रक्तदाता एवं पर्यावरण प्रहरी डॉ. अशोक कुमार वर्मा द्वारा आयोजित किया गया. शिविर में शिक्षक, रोटी बैंक और प्रयास के उप प्रधान, मानव मित्र मंडल के महासचिव भारतेन्दु हरीश मुख्य अतिथि के रूप में पधारे हुए थे जबकि समाजसेवी सतपाल शर्मा की अध्यक्षता में यह शिविर सम्पन्न हुआ. शिविर संयोजक डॉ. अशोक कुमार वर्मा ने अतिथियों और रक्तदाताओं का सम्मान करते हुए वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आओ कथा सुनाते हैं महाराणा प्रताप की। जयंता बाई के उदर से जन्मे ऐसे वीर महान की। उदय सिंह पिता का मान बढ़ाया ऐसी आदर्श संतान की। चित्तौड़गढ़ के महानायक मेवाड़ के राणा प्रताप की। न झुके न रुके न डटे बस धुन थी स्वतंत्रता संग्राम की। भाईयों ने भी साथ छोड़ा ऐसे वीर महान की। अकबर कभी न आया सामने, ऐसे यौद्धा महान की। घास की रोटी परिवार संग खाई, न चिंता कभी मुख पर आई। जंगलों में जीवन बिताया लेकिन कभी ना शीष झुकाया। मुगलों से सदैव टकराया देश को स्वतंत्र कराया। मुख्यातिथि पधारे हुए शिक्षक भारतेन्दु हरीश ने कहा कि वास्तव में महाराणा प्रताप आज भी अमर है और जब तक सूरज चाँद रहेगा महाराणा प्रताप का नाम रहेगा. उन्होंने कहा कि हमे भारतीय होने पर गर्व है. शिविर की अध्यक्षता कर रहे समाजसेवी सतपाल शर्मा ने कहा कि आज इस अवसर पर लगाया गया स्वैच्छिक रक्तदान शिविर उन्हें श्रद्धा स्वरूप है और रक्त का कोई विकल्प नहीं है और न ही कोई जाति और धर्म होता है. इस अवसर पर सुरेंद्र, सतपाल, रचित शर्मा, सुशील कुमार, राम कुमार, गुरजिंद्र कौर, सौरभ आदि ने सहभागिता करते हुए महाराणा प्रताप को नमन किया।

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